बुलढाणा(महाराष्ट्र) : हिंदुत्व विचारक वी डी सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर हो रहे हंगामे को तवज्जो नहीं देते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने रविवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेताओं के बारे में कांग्रेस पार्टी ‘‘सच’’ बोलना जारी रखेगी।

महाराष्ट्र में भारत जोड़ो यात्रा के अंतिम दिन संवाददाता सम्मेलन में रमेश ने यह भी कहा कि कांग्रेस उस दिन भाजपा और आरएसएस के खिलाफ सच बोलना बंद कर देगी, जिस दिन वे कांग्रेस नेताओं के बारे में झूठ फैलाना बंद कर देंगे।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने यात्रा के दौरान महाराष्ट्र में यह कहकर एक विवाद उत्पन्न कर दिया है कि सावरकर ने ब्रिटिश शासकों की मदद की थी और जेल में बंद रहने के दौरान डर से उन्हें माफीनामा लिखा था।

उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी सावरकर को भाजपा और आरएसएस का एक प्रतीक भी बताया था।

रमेश ने कहा, ‘‘भाजपा-आरएसएस नेताओं के बारे में कांग्रेस पार्टी सच बोलना जारी रखेगी। कांग्रेस उस दिन भाजपा और आरएसएस के खिलाफ सच बोलना बंद कर देगी, जिस दिन वे कांग्रेस नेताओं के बारे में झूठ फैलाना बंद कर देंगे।’’

कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि ब्रिटिश शासन से मुकाबला करने में आदिवासी नेता बिरसा मुंडा और सावरकर की विचारधारा के बीच राहुल ने तुलना की थी।

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक वैचारिक तुलना थी। राहुल गांधी विवाद नहीं पैदा करना चाहते थे। लेकिन भाजपा ध्यान भटकाना चाहती है। राहुल ने माफीनामा का दस्तावेजी साक्ष्य तक दिखाया है। राहुल गांधी से सवाल पूछने वालों को पहले साक्ष्य का जवाब देना चाहिए और यह बताना चाहिए कि सावरकर को ब्रिटिश शासन से पेंशन क्यों मिला।’’

भाजपा कश्मीर मुद्दा और देश के विभाजन को लेकर प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साध रही है।

राहुल की टिप्पणी को लेकर विवाद के बीच, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष द्वारा सावरकर की आलोचना ने कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के कारण पैदा हुई सकारात्मक ऊर्जा पर पानी फेर दिया।

पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में अपने साप्ताहिक स्तंभ ‘रोखठोक’ में राज्यसभा सदस्य राउत ने सवाल किया कि राहुल गांधी लोगों की भावनाओं को छूने वाले मुद्दे उठा कर भाजपा को ध्यान भटकाने का मौका क्यों दे रहे हैं।

राउत ने कहा, ‘‘सावरकर ने अंडमान सेल्युलर जेल में 10 से अधिक साल बिताए और कई मुश्किलों का सामना किया। ब्रिटिश शासन ने उन्हें धन शोधन के झूठे आरोपों में गिरफ्तार नहीं किया था। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र क्रांति की मशाल जलायी थी, इसलिए उन्हें अंडमान की जेल में रखा गया।’’