औरंगाबाद: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के एक नेता के उस कथित बयान के बाद औरंगाबाद में स्थित औरंगजेब के मकबरे की अतिरिक्त सुरक्षा की व्यवस्था की गई है जिसमें उन्होंने कहा था कि मुगल बादशाह की आखिरी आरामग़ाह को ज़मींदोज़ कर दिया जाना चाहिए। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

मनसे के प्रवक्ता गजानन काले ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा था कि यहां औरंगजेब के मकबरे की कोई जरूरत नहीं है इसलिए उसे ज़मींदोज़ कर दिया जाना चाहिए ताकि लोग वहां न जाएं।

गौरतलब है कि हाल में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमईएम) नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने औरंगजेब के मकबरे पर जा कर नमाज अदा की थी। इस पर महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना के साथ साथ राज ठाकरे की मनसे ने भी ओवैसी की आलोचना की थी।

गजानन काले के ट्वीट के बाद कुछ लोगों ने खुल्दाबाद स्थित उस ढांचे में ताला लगाने की कोशिश की जहां औरंगजेब का मकबरा है। इस मकबरे की सुरक्षा एएसआई करती है।

संपर्क किये जाने पर, एएसआई के औरंगाबाद परिक्षेत्र के अधीक्षक मिलन कुमार चौबे ने पीटीआई-भाषा से कहा कि कुछ लोग मकबरे में ताला लगाने का प्रयास कर रहे थे। उन्होंने दावा किया कि संरचना को तोड़ने का प्रयास किये जाने की आशंका है।

चौबे ने कहा, “लेकिन मैंने कहा कि जब तक एएसआई को लिखित में कुछ नहीं दिया जाता तब तक मैं उसपर कार्रवाई नहीं करूंगा। हमने स्मारक को खुला रखा है और वहां अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए गए हैं। हमने पुलिस को स्थिति से अवगत करा दिया है और उन्होंने एक सुरक्षा वैन भेजी है।”

ओवैसी इस माह के शुरू में औरंगजेब के मकबरे पर गए थे। इसके बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने आश्चर्य जताते हुए कहा था कि क्या इसका उद्देश्य शांतिपूर्ण महाराष्ट्र में कोई नया विवाद खड़ा करना है।