आइजोल: मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा और उनके असम के समकक्ष हिमंत विश्व शर्मा दोनों पूर्वोत्तर राज्यों के बीच सीमा विवाद का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने के लिए 19 सितंबर को बातचीत करेंगे। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

जोरामथांगा के साथ नयी दिल्ली जा रहे मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी ने कहा कि बैठक राष्ट्रीय राजधानी में होगी लेकिन जगह अभी तय नहीं हुई है। अधिकारी ने कहा, ‘‘दोनों मुख्यमंत्रियों ने शुक्रवार को फोन पर बात की और सीमा मुद्दे पर 19 सितंबर को नयी दिल्ली में बैठक करने का फैसला किया।’’

उन्होंने इससे पहले इस मुद्दे पर पिछले साल नवंबर में नयी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में बैठक की थी। इससे पहले इस साल 10 अगस्त को टेलीफोन पर हुई बातचीत में दोनों मुख्यमंत्रियों ने अगस्त के अंत या सितंबर की शुरुआत में बातचीत करने का फैसला किया था।

मिजोरम के तीन जिले - आइजोल, कोलासिब और मामित - असम के तीन जिलों कछार, हैलाकांडी और करीमगंज के साथ 164.6 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। दो पड़ोसी राज्यों के बीच लंबे समय से चल रहा सीमा विवाद 1875 और 1933 के दो औपनिवेशिक सीमांकन से उपजा है।

मिजोरम का मानना ​​है कि बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन (बीईएफआर) 1873 के तहत 1875 में अधिसूचित इनर लाइन आरक्षित वन का 509 वर्ग मील का हिस्सा, राज्य की वास्तविक सीमा है, जिसका एक निश्चित खंड अब असम में पड़ता है। दूसरी ओर, असम का दावा है कि 1933 में भारत के नक्शे के सर्वेक्षण के अनुसार, यह सीमा राज्य की संवैधानिक सीमा है। ऐसे कुछ क्षेत्र जो अब मिजोरम में हैं, 1933 के सीमांकन के अंतर्गत आते हैं।

मिजोरम और असम के बीच सीमा विवाद पिछले साल 26 जुलाई को तब और बिगड़ गया था जब दोनों राज्यों के पुलिस बल की मुठभेड़ में असम के छह पुलिसकर्मियों सहित सात लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 60 लोग घायल हो गए थे।

हिंसक झड़प के बाद दोनों राज्यों के प्रतिनिधिमंडलों ने पिछले साल पांच अगस्त को मंत्री स्तरीय बैठक की और अंतर-राज्यीय सीमा पर शांति बनाए रखने और बातचीत के माध्यम से विवाद को हल करने का निर्णय लिया। अब तक प्रतिनिधिमंडलों ने आइजोल में दो दौर की और तीन डिजिटल बैठकें की हैं।

नौ अगस्त को हुई पिछली बैठक में दोनों प्रतिनिधिमंडल शांति बनाए रखने और सीमा पर किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने पर सहमत हुए थे। उन्होंने अगले महीने गुवाहाटी में फिर से बैठक का भी फैसला किया था।

पिछले हफ्ते मिजोरम राज्य सीमा समिति ने सर्वसम्मति से सीमा पर सरकार के दृष्टिकोण के रूप में अगले दौर की वार्ता में एक ‘‘दृष्टिकोण पत्र’’ पेश करने को मंजूरी दे दी थी।