कोलकाता, तीन जून (भाषा) पश्चिम बंगाल कुलपति परिषद ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ द्वारा राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को लिखे गए उस पत्र पर आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने कहा था कुलाधिपति होने के नाते आगे से सभी संदेश उन्हें निर्देशित किये जाने चाहिये तथा किसी और प्राधिकार के जरिये उनके पास नहीं आने चाहिए।

उपाचार्य परिषद (वीसी काउंसिल) ने एक बयान में कहा कि सर्वसम्मति से ऐसा माहसूस किया जा रहा है कि राज्यपाल के साथ बातचीत ने कुलपतियों के सम्मान और प्रतिष्ठा को कमतर किया है, जिसकी ‘‘जरूरत नहीं थी।’’

बयान में कहा गया कि कुलपति राज्य में उच्च शिक्षा के प्रसार के लिए प्रतिबद्ध हैं और ‘‘वे अपने कर्तव्यों का निर्वाह राज्य सरकार, माननीय कुलाधिपति, कुलपति और अन्य अधिकारियों की भूमिका को निर्धारित करने वाले मौजूदा अधिनियमों के अनुसार और समय समय पर जारी नियमों के अनुरूप करते हैं।

गौरतलब है कि मंगलवार को कुलपतियों को पत्र लिख कर कहा था ,‘‘ कई कुलपतियों ने 2019 के नियम के प्रावधानों का जिक्र करते हुए उच्च शिक्षा विभाग के जरिए संदेश पहुंचाए। इस तरह का रवैया सराहना योग्य नहीं हैं और कोई भी नियम, अधिनियम के प्रावधानों की अवहेलना नहीं कर सकता।”

पश्चिम बंगाल विधानसभा ने पिछले साल 10 दिसंबर को एक नया कानून पारित किया था जिससे कुलपति अपने शीर्ष निर्णायक निकाय की बैठक उच्च शिक्षा विभाग के परामर्श से बुला सकते हैं और इसके लिये कुलाधिपति की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी जैसा कि पहले था।