नयी दिल्ली: केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोमवार को कहा कि वन अधिकारियों को बेजुबानों की आवाज बनना चाहिए और उन्हें देश के प्राकृतिक संसाधनों के मालिक नहीं, बल्कि संरक्षकों के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।

मंत्री ने भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के प्रशिक्षु परिवीक्षाधीन अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि वन अधिकारियों को जंगलों और उसकी वनस्पतियों एवं जीवों की रक्षा एवं संरक्षण के प्रयासों में वनों में रहनेवाले स्थानीय समुदायों को भागीदार के रूप में अपनाना चाहिए और ‘‘सामंती दृष्टिकोण’’ के साथ काम करने से बचना चाहिए।

यादव ने कहा, ‘‘आईएफएस अधिकारियों को बेजुबानों की आवाज बनना होगा। और बेजुबान कौन है? वे हमारे वन्य जीव, पेड़, नदियां और जंगल हैं। आपको उनकी आवाज बनना होगा और उनकी सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए काम करना होगा।’’