भोपाल,  मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को आरोप लगाया कि राज्य के मुख्य निर्वाचन कार्यालय ने महामारी के मद्देनजर उपचुनाव में डाक मतपत्रों के माध्यम से वोट देने की अनुमति पाने वाले मतदाताओं की सूची उपलब्ध नहीं कराई है क्योंकि मुख्य चुनाव आयुक्त ने राजनीतिक दलों को यह सूची प्रदान करने की अनुमति नहीं दी है।

कमलनाथ ने आज मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को लिखे चार पृष्ठों के पत्र में कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण पहली बार 80 वर्ष से अधिक आयु, दिव्यांग और कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों को डाक मतपत्र के माध्यम से वोट डालने का प्रावधान किया गया है।

मध्य प्रदेश में लगभग 1,50,000 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से 37 हजार आवेदकों को डाक मतपत्र के माध्यम से वोट डालने की अनुमति दी गई, लेकिन निर्वाचन कार्यालय ने इन मतदाताओं के सूची प्रदान नहीं की है जबकि इसकी प्रक्रिया 21 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन कार्यालय के सामने इस मुद्दे को उठाया तो उन्होंने बताया कि मुख्य चुनाव आयुक्त ने उन्हें मतदाताओं की सूची देने की अनुमति नहीं दी है। यहां तक कि मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा नियुक्त चुनाव पर्यवेक्षक भी मतदाताओं की इस सूची से अनभिज्ञ हैं।

उन्होंने यह सूची उपलब्ध कराए जाने का आग्रह किया।

इसके अलावा कमलनाथ ने पत्र में सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र में अधिकारियों के नाम व पहचान बताने, मुरैना जिले में कांग्रेस के उम्मीवार को कथित धमकी देने वाले भाजपा उम्मीदवार एदल सिंह कंषाना के रिश्तेदारों के खिलाफ वारंट पर कार्रवाई तथा मुगांवली, डबरा और अन्य सीटों पर कथित तौर पर भाजपा के पक्ष में काम करने वाले अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह किया।

कमलनाथ ने आरोप लगाया कि पूरा प्रशासन और विशेष रूप से प्रदेश के पुलिस अधिकारी खुलेआम भाजपा उम्मीदवारों के लिए काम कर रहे हैं।

उन्होंने आग्रह किया कि मुख्य चुनाव आयुक्त मामले में हस्तक्षेप करें और राज्य चुनाव आयोग के पर्यवेक्षकों और मुख्य निर्वाचन कार्यालय को प्रदेश में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने का निर्देश दें।

मध्य प्रदेश के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी मोहित बुंदस ने कहा कि महामारी के कारण डाक मतपत्र से मतदान करने की अनुमति हासिल करने वाले मतदाताओं की सूची प्रदान करने के मुद्दे पर चुनाव आयोग से निर्देश मांगा गया है और अन्य मामलों में भी ‘‘हमने चुनाव आयोग को अपना उत्तर दिया है।’’