नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बाल यौन संरक्षण अपराध (पोक्सो) मामले में 10 साल की कठोर जेल की सजा काट रहे एक व्यक्ति को अपने बड़े भााई की शादी में शामिल होने की मंजूरी दी है।

न्यायमूर्ति अनूप जे भम्भानी की अवकाशकालीन पीठ ने निर्देश दिया है कि अपीलकर्ता को सादे कपड़े में जेल या पुलिस अधिकारी बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे से रात 11 बजे तक अपने बड़े भाई के शादी समारोह में शामिल होने के लिए लेकर जाए।

अपीलकर्ता की ओर से पेश वकील ऐश्वर्या राव ने उच्च न्यायालय को बताया कि यह अर्जी पहले ही दायर की गई थी लेकिन यह सुनवाई के लिए अब सूचीबद्ध हुई है जब अपीलकर्ता ने दिल्ली उच्च न्यायालय कानूनी सेवा समिति के जेल संबंधी वकील के जरिए अदालत का दरवाजा खटखटाया।

अतिरिक्त लोक अभियोजक ने दलील दी कि सजा के अंतरिम निलंबन के लिए जो आधार दिया गया है उसकी पूर्व पुष्टि की जा चुकी है और यह पुष्ट है कि अपीलकर्ता के बड़े भाई की शादी 24 जून को होनी है लेकिन होने वाली दुल्हन के परिवार से पुष्टि नहीं की जा सकी है।

उन्होंने अदालत को बताया कि अपीलकर्ता के पिता ने पुलिस अधिकारियों को दुल्हन के परिवार से पुष्टि कराने से यह कहते हुए रोक दिया कि अगर उनके परिवार को पता चला कि अपीलकर्ता जेल में है तो वे शायद शादी न करे।

दलीलों पर गौर करते हुए उच्च न्यायालय ने 23 जून के अपने आदेश में कहा, ‘‘शादी के 24 जून को होने पर विचार करते हुए सुश्री राव ने कहा कि अपीलकर्ता को शादी में शामिल होने के लिए हिरासत में भेजा जा सकता है। इसके अनुसार यह निर्देश दिया जाता है कि जेल/पुलिस अधिकारी सादे कपड़ों में अपीलकर्ता को 24 जून 2021 को सुबह 11 बजे से रात 11 बजे तक अपने बड़े भाई की शादी में शामिल होने के लिए लेकर जाए और उसी दिन उसे वापस जेल में लाया जाए।’’