नयी दिल्ली : माकपा ने सोमवार को कहा कि सरकार को कोविड के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों की मदद करने के लिए राजकोषीय घाटे के स्तर को बरकरार रखने की चिंता से मुक्त होकर धन की व्यवस्था करनी चाहिए।

गौरतलब है कि केंद्र ने उच्चतम न्यायालय में कहा है कि कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को चार चार लाख रुपये का मुआवजा नहीं दिया जा सकता] क्योंकि यह वित्तीय बोझ उठाना मुमकिन नहीं है और केंद्र तथा राज्य सरकारों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।

माकपा ने एक बयान में कहा, ‘‘यह दलील खोखली है कि अनु्ग्रह राशि देने से सरकार पर वित्तीय बोझ पड़ेगा। अगर सरकार संकट के समय राजकोषीय घाटे के स्तर को बरकरार रखने की अपनी चिंता छोड़ दे, तो वह मुआवजे के लिए संसाधन का प्रबंध कर सकती है। त्रासदी के समय वित्तीय प्रबंधन की बात करने का कोई मतलब नहीं है।’’

वामपंथी दल ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी में करोड़ों लोगों की जीविका चली गई और उन्हें बहुत मामूली मदद मिल रही है।

उसने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि कोविड प्रभावित परिवारों को आपदा प्रबंधन कानून के प्रावधानों के अनुसार मुआवजा दिया जाना चाहिए।