नयी दिल्ली : पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि अगले पांच वर्षों में, भारत में मानवयुक्त पनडुब्बी का एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम होगा जिसके तहत तीन वैज्ञानिकों को समुद्र में 6,000 मीटर की गहराई तक ले जाया जा सकता है।

यहां पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के 15वें स्थापना दिवस समारोह में सिंह ने कहा कि जून में मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर किये गये ‘डीप ओशन मिशन’ (गहरे समुद्र अभियान) सामाजिक रूप से लाभकारी गतिविधियों के लिए गहरे समुद्र के संसाधनों की खोज और उपयोग का और भी विस्तार करेगा।

चार हजार करोड़ रुपये से अधिक के इस मिशन का उद्देश्य भारत को महासागर प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर बनाना, इस क्षेत्र में अधिक रोजगार सृजित करना और इस क्षेत्र में काम करने वाले संस्थानों की क्षमता निर्माण को बढ़ाना है। सिंह ने कहा, ‘‘आने वाले पांच वर्षों में, हम तीन वैज्ञानिकों को समुद्र में 6,000 मीटर की गहराई तक ले जाने के लिए मानवयुक्त पनडुब्बी सहित बहुत महत्वाकांक्षी कार्यक्रम की योजना बना रहे हैं।’’

इस परियोजना को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा। सिंह ने यह भी सुझाव दिया कि जब गगनयान - अंतरिक्ष में भारत का पहला मानवयुक्त मिशन - उड़ान भरे तो उस समय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) को इस मिशन को शुरू करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि दोनों मिशन एक साथ भारतीयों को अंतरिक्ष और गहरे समुद्र में ले जाएंगे।

महत्वाकांक्षी ‘गगनयान मिशन’ का लक्ष्य तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में ले जाना है।