मुंबई: शिवसेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह अच्छी बात है कि भाजपा के नेताओं ने वेब सीरीज ‘तांडव’ की सामग्री को लेकर उनके निर्माताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है लेकिन अगर उनमें वास्तव में हिम्मत है तो भारतीय सैनिकों की शहादत का अपमान करने वाले पत्रकार अर्नब गोस्वामी के खिलाफ मामला दर्ज कराएं।

महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार की प्रमुख घटक शिवसेना ने यह भी आरोप लगाया कि किसी के पास से 100 ग्राम गांजा मिलने पर हो-हल्ला मचाने वाली मीडिया गोस्वामी के कथित देशद्रोह के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा करने को तैयार नहीं है।

उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में उक्त टिप्प्णी की है। गौरतलब है कि मीडिया में जंगल में आग की तरह फैली रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक गोस्वामी और बीएआरसी के पूर्व सीईओ पार्थों दासगुप्ता के बीच वहाट्सऐप पर हुई कथित बातचीत की पृष्ठभूमि में सामना ने संपादकीय लिखा है।

आरोप है कि उस कथित बातचीत से यह पता चलता है कि 26 फरवरी, 2019 को पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी शिविरों पर हवाई हमले के बारे में गोस्वामी को पहले से सूचना थी।

गौरतलब है कि कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी, 2019 को पाकिस्तानी आंतकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा सीआरपीएफ के काफिले पर किए गए हमले में 40 जवानों की मौत हो गई थी। इसी पृष्ठभूमि में पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी शिविरों पर 26 फरवरी को हवाई हमला किया गया था।

भाजपा के कुछ नेताओं ने वेब सीरीज ‘तांडव’ पर हिन्दू देवी-देवताओं का उपहास करने का आरोप लगाते हुए उसके निर्माता, निर्देशकों आदि के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।

शिवसेना का कहना है कि यह अच्छी बात है कि भाजपा नेताओं ने उत्तर प्रदेश और बिहार में ‘तांडव’ के निर्माता-निर्देशकों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। लेकिन अगर उनमें साहस है तो वे जवानों की शहादत का मजाक उड़ाने वाले गोस्वामी के खिलाफ मामला दर्ज करके दिखाएं।

मराठी अखबार ने लिखा है, अगर गोस्वामी के देशद्रोह पर चर्चा होगी तो पुलवामा में शहीद हुए जवानों की आत्मा को शांति मिलेगी।

संपादकीय में सवाल किया गया है कि वेब सीरीज के खिलाफ आवाज उठाने वाली भाजपा गोस्वामी द्वारा कथित रूप से भारत-माता का अपमान किए जाने पर ‘तांडव’ क्यों नहीं कर रही है?

शिवसेना ने कहा कि महाराष्ट्र में उसके गठबंधन सहयोगी कांग्रेस ने बुधवार को मामले की जांच की मांग करते हुए सरकारी गोपनीयता कानून के तहत मामला दर्ज करने को कहा था।

भाजपा की पूर्व सहयोगी शिवसेना ने कहा कि सरकार को इसकी सच्चाई सामने लानी चाहिए।

इसमें कहा गया है , जैसे कि आरोप लग रहे हैं, तब तो हमारे सैनिकों की हत्या देश के भीतर एक राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा थी और हमारे 40 जवानों का खून सिर्फ लोकसभा चुनाव (2019) जीतने के लिए बहाया गया?

संपादकीय में आरोप लगाया गया है कि गोस्वामी की बातचीत सामने आने के बाद उन आरोपों को बल मिल रहा है।