गेरुकामुख : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों के लोगों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल करने की प्रक्रिया जारी रहेगी। उन्होंने कांग्रेस के पूर्व विधायक रूपज्योति कुर्मी का पार्टी में स्वागत किया।

धेमाजी जिले में पार्टी के एक कार्यक्रम में सरमा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदर्शों और विकसित राष्ट्र के निर्माण के लिए उनकी कड़ी मेहनत से प्रेरित होकर कई राजनीतिक नेता और कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा दृढ़ विश्वास है कि एक दिन आएगा जब राज्य के सभी लोग और संगठन भाजपा से जुड़ेंगे और एक मजबूत और विकसित राष्ट्र के निर्माण में मदद करेंगे।’’

सरमा ने कहा कि अन्य दलों से लोगों को भाजपा में शामिल करने की प्रक्रिया 2014 में शुरू हुई थी और यह प्रक्रिया इस साल विधानसभा चुनाव से पहले कई नेताओं के शामिल होने के साथ जारी रही, जबकि कई अन्य ने चुनाव के बाद शामिल होने की इच्छा व्यक्त की।

कुर्मी का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह एक युवा नेता हैं जो न केवल चाय (टी) जनजाति समुदाय के उद्देश्य और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं बल्कि राज्य के लोगों का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘चाहे असम-नागालैंड सीमा मुद्दा हो, अपने निर्वाचन क्षेत्र और राज्य का विकास, या टी जनजाति समुदाय के लिए योजनाएं, कुर्मी हमेशा मुखर रहे हैं और मुद्दों को उजागर करने में सबसे आगे रहे हैं। हमें उम्मीद है कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र और राज्य के विकास के लिए काम करते रहेंगे।’’

सरमा ने कहा, ‘‘चार बार विधायक रहे कुर्मी मुझसे ज्यादा लंबे समय तक कांग्रेस में रहे और उन्हें उस पार्टी और इसे छोड़ने के कारणों की बेहतर समझ होगी।’’ कुर्मी ने कहा कि उन्होंने भाजपा में शामिल होने में देरी की और उन्हें बहुत पहले इस पार्टी में आ जाना चाहिए था।

कुर्मी ने कहा, ‘‘कई लोग कह रहे हैं कि मैं किसी पद या मौके के लिए भाजपा में शामिल हुआ हूं, लेकिन मैं यह स्पष्ट कर दूं कि मुझे कोई पद नहीं चाहिए, बल्कि लोगों और राज्य के विकास और प्रगति के लिए काम करने का अवसर चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक विपक्षी विधायक के रूप में, सत्तारूढ़ दल की आलोचना करना हमारी जिम्मेदारी थी, लेकिन हमें इस बात का एहसास नहीं था कि जनता को इस पार्टी में उनके सपनों और आकांक्षाओं को साकार करने में बहुत विश्वास और उम्मीद है।’’

कुर्मी ने 18 जून को कांग्रेस से और विधायक के रूप में इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि पार्टी के राष्ट्रीय और राज्य नेताओं ने जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं, युवाओं और हाशिए के समुदायों की उपेक्षा की है।