सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के सीबीआई मामलों पर फैसला सुरक्षित रखा

SC reserves order-plea West Bengal against CBI


नई दिल्ली, 08 मई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पश्चिम बंगाल के मामलों में सीबीआई की तरफ से एफआईआर दर्ज होने के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।



सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने याचिका का ये कहते हुए विरोध किया है कि ममता सरकार की ये याचिका अनुच्छेद 131 के तहत सुनवाई के लायक नहीं है। इन मामलों में केस सीबीआई ने दर्ज किया है, केंद्र सरकार ने नहीं। सीबीआई अपने आप में स्वतंत्र जांच एजेंसी है। सीबीआई की ओर से केस दर्ज होने के चलते बंगाल सरकार केंद्र के खिलाफ मुकदमा दायर नहीं कर सकती।

सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि एक बार सीबीआई राज्य में प्रवेश करती है तो उसके बाद ईडी जांच शुरू कर देती है। इसके भारतीय राजनीति के बड़े दुष्परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का कहना है कि उसने 2018 में ही सीबीआई को राज्य के मामलों में केस दर्ज करने और छापे डालने की अनुमति वापस ले ली थी। उसके बाद भी सीबीआई एफआईआर दर्ज कर रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 6 सितंबर, 2021 को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका में कहा गया है कि कानून और व्यवस्था और पुलिस को संवैधानिक रूप से राज्यों के विशेष अधिकार क्षेत्र में रखा गया है। सीबीआई की ओर से मामले दर्ज करना अवैध है। ये केंद्र और राज्यों के बीच संवैधानिक रूप से वितरित शक्तियों का उल्लंघन है।





हिन्दुस्थान समाचार/संजय/सुनीत/दधिबल