जबलपुर, 1 मई (हि.स.)। होटल विजन महल में गत दिवस आग लगने की घटना को देखते हुये जिला प्रशासन ने बुधवार को सभी होटल संचालकों की बैठक बुलाकर ऐसी दुर्घटनाएं न हों, इसके लिये उन्हें फायर सेफ्टी के सभी मापदण्डों का अनिवार्य रूप से पालन करने के निर्देश दिये। कलेक्टर दीपक सक्सेना की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में होटल संचालकों को कम से कम तीन माह में एक बार अग्नि दु्र्घटना से बचाव के लिये मॉकड्रिल आयोजित करने की सलाह भी दी गई, ताकि यह देखा जा सके कि उनके यहां मौजूद अग्नि शमन यंत्र काम कर रहे हैं या नहीं और स्टॉफ उनका इस्तेमाल करने में सक्षम है या नहीं।



कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में हुई इस बैठक में पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह, नगर निगम आयुक्त प्रीति यादव, अपर कलेक्टर मिशा सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सोनाक्षी सक्सेना, समर वर्मा एवं सूर्यकांत शर्मा, प्रशिक्षु आईपीएस आदित्य पटले तथा सभी एसडीएम और सीएसपी मौजूद थे।



कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बैठक की शुरूआत में इसके आयोजन के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुये कहा कि प्रशासन की चिंता होटल विजन महल जैसे अग्नि हादसे को रोकने की है। हालांकि इस दुर्घटना में आग पर तुरंत काबू पा लिया गया और किसी तरह की जनहानि नहीं हुई। लेकिन ऐसी दुर्घटनाएं न हों, इसके लिये आवश्यक है कि अभी से सतर्कता बरती जाये और उन सभी उपायों को अपनाया जाये जो फायर सेफ्टी के लिये जरूरी हैं। कलेक्टर ने बैठक में होटल संचालकों से एक-एक कर उनके यहां मौजूद फायर सेफ्टी सिस्टम की जानकारी ली। उन्होंने अग्नि दुर्घटनाओं को रोकने होटल संचालकों से सुझाव भी लिये।



उन्होंने बैठक में कहा कि होटल संचालकों से उन संभावित कारणों को अपने स्तर से भी पता लगाना होगा जो अग्नि दुर्घटना की वजह बन सकते हैं और उन्हें दूर करने के उपाय भी अपनाने होंगे। उन्होंने कहा कि सभी होटलों में फायर सेफ्टी सिस्टम होना जरूरी है जहां नहीं है वहां जल्दी से लगा लिये जाने चाहिए।



बैठक में होटल संचालकों को हर साल फायर सेफ्टी आडिट कराने के तथा आडिट में पाई गई कमियों को दूर करने के निर्देश दिये गये। इसके साथ ही तय समय पर फायर एनओसी का नवीनीकरण अनिवार्य रूप से कराने कहा गया। होटल संचालकों से कहा गया कि कम से कम हर तीन माह में एक बार मॉक ड्रिल का आयोजन करें तथा स्टाफ को अग्नि शमन यंत्रों का इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग भी दें। होटल के हर फ्लोर पर इमरजेंसी एक्जिट गेट सहित फायर सेफ्टी प्लान प्रदर्शित भी किया जाये।



जांच के लिये अधिकारियों की बनेगी टीम

कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बैठक में कहा कि होटल में फायर सेफ्टी के मापदण्डों का पालन कराने जल्दी ही एसडीएम और सीएसपी के नेतृत्व में जांच टीमों का गठन किया जायेगा। इनमें सभी संबंधित विभागों के अधिकारी भी शामिल होंगे। हफ्ते के सातों दिन के लिये अलग-अलग टीमें बनाई जायेंगी। ये टीमें रोस्टर के अनुसार सप्ताह के हर दिन होटलों का निरीक्षण करेंगी। सक्सेना ने स्पष्ट किया कि जांच टीमों के गठन के पीछे प्रशासन का मकसद व्यवस्थाओं में सुधार लाना है। इसमें होटल संचालकों को भी सहयोग करना होगा। प्रशासन चाहता है कि होटलों में नेशनल बिल्डिंग कोड के मुताबिक फायर सेफ्टी के सभी मापदण्डों का पालन हो। उन्होंने कहा कि होटल विजन महल के लॉन में लगी आग की घटना बड़ी नहीं थी लेकिन इसे सभी को गंभीरता से लेना होगा। एक तरफ जहां होटल संचालकों को कमियों को दूर करना होगा वहीं प्रशासन को भी फायर सेफ्टी के मापदण्डों का कड़ाई से पालन कराना होगा।



कलेक्टर ने बैठक में कहा कि प्रशासन द्वारा गठित की गई जांच में यदि कमियां पाई जाती हैं तो उन्हें दूर करने का समय होटल संचालकों को दिया जायेगा। इसके बावजूद भी यदि सुधार नहीं हुआ तो सख्ती भी बरती जायेगी। सक्सेना ने बताया कि प्रशासन द्वारा गठित टीमें होटलों एवं रेस्टोरेंट के साथ-साथ लॉज, सिनेमाघर, हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, मल्टी स्टोरी बिल्डिंग, मॉल, पेट्रोल पंपों की भी जांच करेगी और देखेगी की फायर सेफ्टी के मापदण्डों का पालन किया जा रहा है या नहीं।



फायर सेफ्टी नार्म्स पर जल्द होगी होटल संचालकों की बैठक

कलेक्टर ने बैठक में बताया कि होटल संचालकों की जल्दी ही एक और बैठक नगर निगम के माध्यम से बुलाई जायेगी। इस बैठक में होटल संचालकों को फायर सेफ्टी के नार्म्स की तथा अग्नि दुर्घटना के दौरान बचाव के क्या-क्या उपाय अपनाये जाने चाहिए इसकी जानकारी दी जायेगी। उन्होंने कहा कि बैठक में होटल संचालकों के समक्ष अग्नि शमन यंत्रों को भी प्रदर्शित किया जायेगा और उनको चलाने के तरीके भी बताये जायेंगे। श्री सक्सेना ने बैठक में मौजूद नगर निगम के अधिकारियों को इस बैठक में फायर सेफ्टी कंसल्टेंट्स को भी बुलाने के निर्देश भी दिये।



अग्नि शमन यंत्र पुराने न हों, समय पर रिफिल भी कराये –

पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने बैठक में मौजूद होटल संचालकों से कहा कि उन्हें अपनी होटलों में लगे फायर सेफ्टी उपकरणों की नियमित तौर पर जांच कर यह देखना होगा कि वे चालू हालत में रहें। उन्होंने फायर सेफ्टी उपकरणों के चलाने के लिए स्टॉफ की ट्रेनिंग पर भी जोर दिया। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि होटलों में लगे फायर सेफ्टी उपकरण पुराने नहीं होने चाहिए, उनकी समय पर रिफलिंग कराई जाये। उन्होंने कहा कि होटलों के स्मोक डिटेक्टर अनिवार्य रूप से लगाये जाये ताकि धुआं उठते ही सायरन बज उठे और फौरन आवश्यक कदम उठाये जा सके। पुलिस अधीक्षक ने होटलों में फायर सेफ्टी के लिये आयोजित की जाने वाली मॉकड्रिल की सूचना प्रशासन और पुलिस को देने के निर्देश भी होटल संचालकों को दिये। उन्होंने होटलों में शादी विवाह जैसे समारोह के आयोजन के दौरान विधुत साज-सज्जा तथा आतिशबाजी में भी सुरक्षा के हर पहलू पर विशेष ध्यान देने के निर्देश भी दिये।







हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश