देहरादून, 04 मई (हि.स.)। पर्यटन विभाग उत्तराखंड ने आगामी चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन पंजीकरण सुविधा प्रारम्भ करने का निर्णय किया है। श्रद्धालुओं के लिए यह सुविधा आठ मई से ऋषिकेश और हरिद्वार में शुरू हो जाएगी। श्रद्धालु हरिद्वार में राही मोटल और ऋषिकेश में यात्रा पंजीकरण कार्यालय एवं ट्रांजिट कैम्प पर पंजीकरण करवा सकते हैं।



प्रत्येक धाम के लिए प्रतिदिन ऑफलाइन पंजीकरण की सीमा ऋषिकेश में 1,000 और हरिद्वार में 500 निर्धारित की गई है। श्रद्धालु चारों धामों की यात्रा के लिए पंजीकरण काउन्टरों पर अग्रेत्तर अधिकतम तीन दिवसों के लिए पंजीकरण करवा सकते हैं।



पर्यटन विभाग ने तीर्थ यात्रा को सुगम बनाए जाने के लिए उत्तराखंड चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के पुरोहितों के साथ बैठक की है। विभाग के साथ समन्वय के लिए महापंचायत की ओर से चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों के नामांकन किए गए हैं। प्रत्येक धाम से दो तीर्थ पुरोहितों का नामांकन किया गया है। यमुनोत्री धाम से पं. पुरषोत्तम उनियाल और पं. अनिरुद्ध उनियाल, गंगोत्री धाम से पं. रंजनीकांत सेमवाल और पं. निखिलेश सेमवाल, केदारनाथ धाम से पं. संतोष त्रिवेदी, पं. पंकज शुक्ला एवं बद्रीनाथ धाम से पं. बृजेश सती और पं. प्रवीन ध्यानी का नामांकन किया गया है।

तीर्थ पुरोहित धामों के यात्रा प्रबन्धन की वास्तविक स्थिति से पर्यटन विभाग को समय-समय पर अवगत कराएंगे। साथ ही श्रद्धालुओं के लिए अतिरिक्त सुविधाओं के लिए विभाग को अपने सुझाव भी प्रस्तुत करेंगे। विभाग की यह पहल पुरोहितों से प्राप्त होने वाले सुझावों पर ससमय कार्रवाई करते हुए यात्रा को सुगम बनाने के लक्ष्य से की गई है। इसके लिए संयुक्त निदेशक पर्यटन को समन्वयक के रूप में कार्य के लिए निर्देशित किया गया है। सचिव (पर्यटन) सचिन कुर्वे का कहना है कि इस प्रकार के समन्वय से यात्रा के दौरान आने वाली विषमताओं से शीघ्रतापूर्वक निवारण में सुविधा होगी। साथ ही भविष्य के लिए बेहतर योजना तैयार करने में सहायता मिलेगी।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश