जयपुर: राजस्थान में अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में फेरबदल और हजारों की संख्या में राजनीतिक नियुक्तियों की सुगबुगाहट के बीच कांग्रेस विधायकों तथा पार्टी प्रदेश कार्यकारिणी पदाधिकारियों की एक बैठक रविवार को यहां हुई। बैठक में कांग्रेस का समर्थन कर रहे कुछ निर्दलीय विधायक और सचिन पायलट खेमे के विधायक भी शामिल हुए।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ बैठक में भाग लेने के लिए पहुंचे पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने मीडिया से बात नहीं की। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी बैठक में जाते समय कोई टिप्पणी नहीं की।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि चूंकि बैठक अचानक आहूत की गई इसलिए वही विधायक और पार्टी पदाधिकारी इसमें शामिल हुए जो जयपुर में या आसपास थे। इससे पहले डोटासरा ने विधायक दल की बैठक की खबरों को खारिज किया था।

वहीं, बैठक में भाग लेने पहुंचे विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि मंत्रिमंडल फेरबदल तथा अन्य बातों को लेकर पार्टी आलाकमान जो भी फैसला करेगा वह सबके लिए मान्य होगा। महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने इसे सामान्य बैठक बताते हुए कहा कि जब भी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव जयपुर आते हैं तो वे पार्टी पदाधिकारियों से यहां मिलते हैं और चर्चा करते हैं। मंत्रिमंडल विस्तार पर उन्होंने कहा कि सरकार होती है तो विस्तार और फेरबदल भी होता है। यह तो सतत प्रक्रिया है।

राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने भी कमोबेश यही बात कही। उन्होंने कहा कि बैठकें होती रहती हैं और इनमें राजस्थान को कैसे आगे बढ़ाया जाए इस पर चर्चा होती है। वरिष्ठ मंत्री बी डी कल्ला ने कहा कि उन्हें तो संगठन और विधायक दल की बैठक की सूचना है। बैठक का एजेंडा तो अंदर जाकर ही पता चलेगा।

बैठक में पायलट खेमे के विधायक जीआर खटाना, रामनिवास गावरिया और मुकेश भाकर शामिल हुए। कांग्रेस सरकार का समर्थन कर रहे निर्दलीय विधायक और बसपा से कांग्रेस में आए विधायक संदीप यादव भी बैठक में शामिल हुए। पायलट जब बैठक में भाग लेने के लिए पहुंचे तो वहां मौजूद उनके समर्थकों ने नारेबाजी की।

उल्लेखनीय है कि पार्टी आलाकमान का संदेश लेकर शनिवार रात जयपुर पहुंचे पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ लंबी चर्चा की। लगभग ढाई घंटे चली इस बैठक में मत्रिमंडल विस्तार एवं फेरबदल तथा राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर विचार विमर्श किया गया। पार्टी सूत्रों ने कहा कि शनिवार देर रात तक हुई चर्चा के बाद इन नेताओं ने मंत्रिमंडल विस्तार का फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ने का फैसला किया।