जयपुर : राजस्थान के सूचना आयोग ने सूचना अधिकार कानून के तहत सूचना मुहैया कराने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के प्रति नाराजगी व्यक्त की है और दो अधिकारियों पर जुर्माना लगाया है।

आयोग ने अजमेर नगर निगम के आयुक्त पर बीस हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। सूचना आयोग के निर्देशों की अवहेलना करने पर कोटा जिले में रामगंजमंडी के खनिज अभियंता पर भी दस हजार रूपये का जुर्माना लगाया गया है।

इस मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने अजमेर नगर निगम आयुक्त को अगले पंद्रह दिन में आवेदकों को नि:शुल्क सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

दरसअल अजमेर के तरुण अग्रवाल ने 12 जून, 2019 को आयुक्त के सम्मुख आवेदन देकर सरकारी सड़क पर अतिक्रमण संबंधी जानकारी मांगी थी। आयुक्त निगम के लोक सूचना अधिकारी भी है।

अग्रवाल के अलावा स्थानीय नागरिक शैलेन्द्र अग्रवाल ने भी इस बाबत सूचना मुहैया कराने का आग्रह किया था लेकिन आयुक्त ने इस पर कोई गौर नहीं किया। इस मामले में अजमेर में ही आवेदक ने पहली अपील दायर कर सूचना दिलाने की मांग की थी। वहां भी दो अगस्त 2019 को आयुक्त को वांछित सूचनाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था लेकिन निगम आयुक्त ने इस पर अमल नहीं किया।

सूचना आयोग ने इस पर आयुक्त से जवाब तलब किया और दो बार जुर्माना लगाने का नोटिस भी भेजा। पर वह न तो हाजिर हुए और न ही सूचना उपलब्ध करवाई।

इसे सूचना आयुक्त बारेठ ने गंभीरता से लिया और बीस हजार रूपये की जुर्माना राशि अधिकारी के वेतन से वसूलने का आदेश दिया। आयोग ने स्थानीय निकाय निदेशक को आयोग के निर्देशों की पालना पुख्ता करने को कहा है।

आयोग ने रामगंजमंडी के खनिज अभियंता पर सूचना अधिकार कानून की अनदेखी करने के कारण दस हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। आयोग के समक्ष रामगंजमंडी के महावीर वैष्णव ने शिकायत की कि वह पांच सितंबर, 2019 से सूचना उपलब्ध कराने की गुहार कर रहे है। लेकिन अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे है। इस पर आयोग ने अधिकारी से स्पष्टीकरण माँगा। लेकिन वे जवाब के लिए हाजिर नहीं हुए। खनिज अभियंता ने आयोग के नोटिस की भी अवहेलना की।

इस पर आयोग ने उन पर दस हजार रूपये का जुर्माना लगाया। आयोग ने अधिकारी को हिदायत दी है कि वह आवेदक को रिकॉर्ड का अवलोकन करवाए।