प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाती है. मासिक दुर्गाष्टमी को दुर्गाष्टमी, मास दुर्गाष्टमी और महाष्टमी  के नाम से भी जाना जाता है.

आपको यहीं यह भी बता दें कि वास्तव में महाष्टमी आश्विन मास में नौ दिन के शारदीय नवरात्रि में आती है. मासिक दुर्गाष्टमी का बहुत बड़ा महत्व माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत और पूजा-पाठ करने से घर की रूठी हुई खुशियां दोबारा वापस आ जाती हैं. आइए जानते हैं मासिक दुर्गाष्टमी के शुभ मुहूर्त और किए जाने वाले उपायों के बारे में.
शुभ मुहूर्त:

  1. मासिक दुर्गाष्टमी का आरम्भ- 20 जनवरी दिन बुधवार को दोपहर 01 बजकर 14 मिनट से.
  2. मासिक दुर्गाष्टमी की समाप्ति- 21 जनवरी, दिन गुरुवार को दोपहर 03 बजकर 50 मिनट पर.

पूजा-विधि:
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद सबसे पहले लाल रंग का वस्त्र पहन कर और लाल रंग का तिलक लगाकर तांबे के पात्र से सूर्य देवता को अर्ध्य देना चाहिए. इसके बाद मां दुर्गा की मूर्ति या फोटो चन्दन की चौकी पर रखना चाहिए. इसके बाद मां की मूर्ति पर लाल रंग का पुष्प चढ़ाकर धूप और दीप जलाना चाहिए. इसके साथ ही मां को 16 श्रृंगार का सामान भी चढ़ाना चाहिए. इसके बाद मां दुर्गा की ज्योति जलाकर सूर्योदय और सूर्यास्त के समय दुर्गा सप्तसती का पाठ करना चाहिए. सप्तसती का पाठ करने के बाद ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चै’ का जाप करना चाहिए. बाद में मां को चढ़ाए गए 16 श्रृंगार का सामान किसी सुहागन या नवदुर्गा के मंदिर में दे देना चाहिए. ऐसा करने से घर की रूठी हुई खुशियां दोबारा वापस आने लगती हैं.