पंचांग के अनुसार, आज यानी 29 मई को एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत है. हिंदू धर्म में इस व्रत का विशेष महत्त्व है. यह व्रत भगवान गणेश जी को समर्पित है. इस तिथि पर व्रत रखकर भगवान गणेश जी की विधि –विधान से पूजा –अर्चना करने से उनकी विशेष कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है.   

 

भगवान गणेश की कृपा से उपासक के सभी प्रकार की विघ्न-बाधाएं दूर हो जाती हैं. भगवान गणेश की विशेष कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए एकदंत संकष्टी चतुर्थी के इस पावन तिथि पर भगवान गणेश की स्तुति और आरती जरूर करें. इसके बाद भगवान गणेशजी को मोदक का भोग लगाएं. रात्रि में चंद्रमा का दर्शन अवश्य करें. क्योंकि चंद्र दर्शन के बाद ही एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत पूरा होता है.

 

गणेश जी की आरती

 

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

 

एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,

 

माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी।

 

पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,

 

लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।। ..

 

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

 

 

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,

 

 

बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।

 

सूर श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।।

 

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

 

संकष्टी चतुर्थी 2021: शुभ मुहूर्त

 

पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि कल यानी 29 मई दिन शनिवार को सुबह 06 बजकर 33 मिनट से शुरू हो रही है. इसका समापन अगले दिन 30 मई, रविवार को प्रात: 04 बजकर 03 मिनट हो रहा है.

 

संकष्टी चतुर्थी व्रत 2021 का समापन: संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रोदय 29 मई को रात 10 बजकर 30 मिनट को होगा. इस लिए इस व्रत का समापन उसके बाद ही किया जाएगा.