नयी दिल्ली: एफसी गोवा के खिलाड़ियों ने एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) चैम्पियंस लीग के ग्रुप चरण में टीम के पदार्पण को बड़ा मौका करार देते हुए कहा कि इससे उन्हें दुनिया को ‘भारतीय फुटबॉल की शैली’ को दिखाने का मौका मिलेगा।

एफसी गोवा इस 14 अप्रैल को महाद्वीपीय क्लब प्रतियोगिता में खेलने वाला देश का पहला क्लब बन जाएगा। एफसी चैम्पियंस लीग (एसीएल) के ग्रुप चरण में पहले मैच में उनका सामना कतर के अल-रयान से होगा।

इससे पहले भारत को एएफसी चैंपियंस लीग ग्रुप चरण में सीधा प्रवेश दिया गया था और 2019-20 सत्र में इंडियन सुपर लीग तालिका में शीर्ष पर रहने वाले एफसी गोवा ने एसीएल के लिए क्वालीफाई किया था।

अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) से जारी विज्ञप्ति में एफसी गोवा के मिडफील्डर ब्रेंडन फर्नांडिज ने कहा, ‘‘यह राज्य और देश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। यह क्लब या राज्य के बजाय एक राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व की तरह है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ पूरा देश हमें एक के रूप में देख रहा होगा और इसलिए हमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना होगा।

कोरोना वायरस महामारी के कारण ग्रुप ई के सभी मैचों को गोवा में खेला जाएगा। गोवा घरेलू टीम एफसी गोवा के अलावा की यहां पर्सेपोलिस (ईरान), अल-रेयान (कतर) और अल-वहद जैसी टीमों की मेजबानी करेगा।

हाल ही में राष्ट्रीय टीम के लिए पदार्पण करने वाले इस फ्रेंचाइजी के खिलाड़ी इशान पंडिता ने कहा कि उनकी टीम के लिए यह देश को गौरवान्वित करने का मौका है।

उन्होंने कहा, ‘‘जाहिर है यह एक बहुत ही खास एहसास है। यह शानदार मौका है जहां हमें एशिया और दुनिया को दिखाना होगा कि भारत अच्छा फुटबॉल खेल सकता है।’’

फीफा अंडर-17 विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके गोलकीपर धीरज सिंह मोरांगथेम ने कहा , ‘‘ हमारे लिये यह इतना आसान नहीं होगा क्योंकि हम सिर्फ गोवा का नहीं कर रहे बल्कि पूरे देश का प्रतिनिधित्व कर रहें होंगे।’’

गोवा के स्थानीय खिलाड़ी और भारतीय डिफेंडर आदिल खान ने कहा कि ऐसे मुश्किल समय में इन प्रतिष्ठित मैचों की मेजबानी करना राज्य के लिए गर्व की बात है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह बेहद खास है कि पहली बार भारत को एशिया के सबसे बड़े फुटबॉल टूर्नामेंटों में से एक में प्रतिनिधित्व का मौका मिल रहा है। यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है, और चैम्पियंस लीग में देश का प्रतिनिधित्व करना गोवा के लिए गर्व और सम्मान की बात है।’’