माउंट मोनगानुई : विविधता पूर्ण स्ट्रोक लगाने में माहिर और टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अनहोनी को होनी करने में विश्वास रखने वाले सूर्यकुमार यादव की निगाहें अब टेस्ट टीम में जगह बनाने पर टिकी हैं और उन्होंने कहा कि जल्द ही उन्हें लंबे प्रारूप में खेलने का बुलावा आ सकता है।

न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में 51 गेंदों पर नाबाद 111 रन बनाकर भारत की 65 रन से जीत के नायक रहे सूर्यकुमार से जब टेस्ट टीम में जगह बनाने के बारे में पूछा गया, उन्होंने कहा,‘‘ आ रहा है, वह (टेस्ट टीम में चयन) भी आ रहा है।’’

क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप में दुनिया के नंबर एक बल्लेबाज सूर्यकुमार ने मुंबई की तरफ से प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पिछले कई वर्षों में अच्छा प्रदर्शन किया है।

सूर्यकुमार ने संवाददाता सम्मेलन में कहा,‘‘ जब हमने क्रिकेट खेलना शुरू की थी तो लाल गेंद से की थी और मैं मुंबई की अपनी टीम के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलता रहा हूं। मैं टेस्ट प्रारूप के बारे में अच्छी तरह से जानता हूं और मैंने लंबे प्रारूप में खेलने का भी आनंद उठाया है। उम्मीद है मुझे जल्द ही टेस्ट कैप मिल जाएगी।’’

सूर्यकुमार इस मैच में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए थे और इसके बाद उन्होंने न्यूजीलैंड के गेंदबाजों को अपने इशारों पर नचाया। सूर्यकुमार के खेल को देखते हुए लगता है कि उन्हें दो-तीन साल पहले ही राष्ट्रीय टीम में शामिल किया जाना चाहिए था। इस विस्फोटक बल्लेबाज ने भी स्वीकार किया पूर्व में उन्हें नजरअंदाज किए जाने से उन्हें निराशा हुई।

उन्होंने कहा,‘‘ मैं अक्सर अपने अतीत की बातें करता हूं। जब मैं अपने कमरे में होता हूं या अपनी पत्नी के साथ यात्रा कर रहा होता हूं तो हम दो-तीन साल पहले की स्थिति के बारे में बातें करते हैं। आज की परिस्थिति कैसी है और तब में और आज में क्या बदलाव हुआ, हम इस बारे में अक्सर बातें करते रहते हैं।’’

सूर्यकुमार ने कहा,‘‘ निश्चित तौर पर उस समय थोड़ा निराशा हुई थी लेकिन हम हमेशा इस पर ध्यान देते रहे कि अगर कुछ सकारात्मक है तो हमें उस तरफ ध्यान देना चाहिए। मैं कैसे बेहतर क्रिकेटर बन सकता हूं और कैसे आगे बढ़ सकता हूं।’’

उन्होंने कहा,‘‘ उस समय के बाद मैंने अलग-अलग चीजों को आजमाया जैसे कि अच्छा भोजन करना, अभ्यास सत्र में पर्याप्त समय बिताना, सही समय पर सोना, जिसका आज मुझे फायदा मिल रहा है।’’

सूर्यकुमार ने स्वीकार किया कि उनके कुछ स्ट्रोक उन्हें भी अचंभित कर देते हैं लेकिन उन्होंने कभी क्रिकेट से आगे निकलने की कोशिश नहीं की।

उन्होंने कहा,‘‘ मैं जब वापस अपने कमरे में जाता हूं और मैच के मुख्य अंश देखता हूं तो कुछ शॉट को देखकर मैं भी अचंभित हो जाता हूं। मैं अच्छा प्रदर्शन करूं या ना करूं, मैं मैच के मुख्य अंश जरूर देखता हूं, लेकिन हां यह सच है कि मैं कुछ स्ट्रोक देख कर हैरान हो जाता हूं।’’

सूर्य कुमार ने कहा,‘‘ मैंने कभी खेल से आगे निकलने का प्रयास नहीं किया। मैंने कभी यह नहीं सोचा कि मैं अच्छा खेल रहा हूं तो मुझे इतने रन बनाने चाहिए क्योंकि वर्तमान में बने रहना महत्वपूर्ण होता है।’’

उन्होंने कहा,‘‘ अगर आप एक मिनट के लिए भी यह सोचते हो कि मैं खेल से बड़ा हूं या मैं गेंदबाजों पर हावी हो रखा हूं तो आपकी रणनीति गलत जा सकती है। इसलिए वर्तमान में बने रहना और उस क्षण के बारे में ही सोचना महत्वपूर्ण होता है।’’

सूर्यकुमार से पूछा गया कि वह इतना आत्मविश्वास कहां से हासिल करते हैं, उन्होंने‘ कहा,‘‘आत्मविश्वास हमेशा बने रहता है। जब आप अच्छा प्रदर्शन कर रहे होते हैं तो तब भी आपको उन्हीं प्रक्रियाओं से गुजरना होता है। ’’

उन्होंने कहा,‘‘ मैच के दिन भी मैं 99 प्रतिशत वही चीजें करने की कोशिश करता हूं जो आम दिन करता हूं। जैसे अगर मुझे जिम जाना है तो मुझे सही समय पर दिन का भोजन करना होता है। बस इसी तरह की छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान देना होता है और इसलिए जब मैं मैदान पर उतरता हूं तो अच्छा महसूस करता हूं।’’

सूर्य कुमार ने कहा,‘‘ खाली समय में मैं अपनी पत्नी के साथ समय बताता हूं और अपने माता-पिता से बहुत बात करता हूं। वे काम को लेकर बात नहीं करते। हमारे बीच खेल को लेकर कोई चर्चा नहीं होती। यह सबसे महत्वपूर्ण चीज है और मुझे वास्तव में इस तरह की जिंदगी जीने में मजा आता है।’’

विराट कोहली के स्थान तीसरे नंबर पर आने के बारे में सूर्यकुमार ने कहा,‘‘ हाल में हम कुछ मैचों में एक साथ खेले और अच्छी साझेदारियां निभाई। मैं उनके साथ बल्लेबाजी का पूरा आनंद लेता हूं। सबसे बड़ी बात है कि मुझे काफी दौड़ लगानी होती है क्योंकि वह बेहद फिट खिलाड़ी हैं लेकिन जब हम मैदान से बाहर होते हैं तो खेल के बारे में बहुत ज्यादा बात नहीं करते। हम जानते हैं कि हम एक दूसरे के खेल का सम्मान करते हैं।’’