कोयंबटूर : आगामी विधानसभा चुनाव से पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और कांग्रेस के बीच गठबंधन को जमकर आड़े हाथों लिया और कहा कि दोनों विपक्षी दलों के बीच अंतर्विरोध इतना है कि वे तमिलनाडु में सुशासन नहीं दे सकते।

उन्होंने किसानों के कल्याण के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए यह भी कहा कि वह बिचौलियों पर किसानों की निर्भरता को समाप्त कर उनके जीवन में समृद्धि और सम्मान सुनिश्चित करना चाहते हैं।

तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से पूर्व यहां कई परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद भाजपा की ओर से आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने किसानों को भरोसा दिलाया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार कृषि क्षेत्र में आमूलचूल बदलाव लाना चाहती है।

केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसान संगठनों द्वारा पिछले तीन महीने से अधिक समय से किये जा रहे आंदोलन को देखते हुए प्रधानमंत्री का यह बयान काफी महत्व रखता है।

मोदी ने कहा कि सालों तक छोटे व्यवसायियों और छोटे किसानों को नजरअंदाज किया गया लेकिन राजग की सरकार ने इन दोनों वर्गों को शीर्ष प्राथमिकता में रखा।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत के छोटे किसानों के लिए काम करने का सम्मान मिलना हमारे लिए गर्व की बात है। पिछले सात सालों में छोटे किसानों के लिए हमारी कोशिशों का लक्ष्य उन्हें एक सम्मान भरी जिंदगी और समृद्धि देना रहा है।’’

कृषि के क्षेत्र में उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार कृषि क्षेत्र में आमूलचूल बदलाव लाना चाहती है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने द्रमुक-कांग्रेस गठबंधन पर जमकर निशाना और यह आरोप भी लगाया कि दोनों दलों का गठबंधन ‘‘भ्रष्टाचार के हैकाथॉन’’ जैसा है और उनकी फितरत ‘‘लूट’’ है।

उन्होंने कहा कि देश आज दो तरह की राजनीति देख रहा है। पहला है विपक्ष का कुशासन और भ्रष्टाचार जबकि दूसरा है राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का संवेदना भरा सुशासन।

उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष की राजनीति डराने धमकाने वाली और लोगों को प्रताड़ित करने पर आधारित है। द्रमुक जब भी सत्ता में आती है तो वह बाहुबल संस्कृति को बढ़ावा देती है। हर जिले में उनके पास असामाजिक तत्व हैं जो निर्दोष लोगों को परेशान करते हैं।’’

उन्होंने कहा कि पूरे तमिलनाडु को पता है कि द्रमुक ने सत्ता में रहते हुए पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के साथ कैसा व्यवहार किया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उसे दोहराने की जरूरत नहीं है। औरतों के प्रति यह उनके व्यवहार को दर्शाता है। दुख की बात ये है कि जिन्होंने जयललिता जी को परेशान किया, उन्हें कांग्रेस और द्रमुक ने सम्मानित किया।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि द्रमुक और कांग्रेस का गठबंधन ‘‘भ्रष्टाचार के हैकाथॉन’’ जैसा है।

उन्होंने कहा, ‘‘उनके नेता बैठते हैं और कैसे ‘लूटा’ जाए को लेकर मंथन करते हैं। जो सबसे अच्छा रास्ता बताता है उसे पद व मंत्रालय से नवाजा जाता है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि परिवारवाद से ग्रसित दोनों पार्टियां अपने ‘‘प्रथम परिवार’’ को लगातार ‘‘लांच और रिलांच’’ करती रही हैं लेकिन अभी तक उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली है।

उन्होंने कहा, ‘‘वहां लगातार पारिवारिक नाटक चल रहा है। कांग्रेस और द्रमुक अपने आंतरिक मामलों में इतने व्यस्त हैं कि वे तमिलनाडु में सुशासन प्रदान नहीं कर सकते।’’

ज्ञात हो कि पूर्व मुख्यमंत्री एम करूणानिधि के पुत्र एम के स्टालिन द्रमुक का नेतृत्व कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि द्रमुक ने तो पूरे तमिलनाडु की पार्टी कहलाने का हक भी खो दिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछली बार उसे 25 साल पहले अपने दम पर सरकार बनाने का मौका मिला था। कांग्रेस और द्रमुक दोनों ही अंतर्विरोधों की शिकार हैं।’’

मोदी ने कहा कि इसके विपरीत राजग परिवार एकजुट है और इसका एकमात्र उद्देश्य तमिलनाडु और राज्य की जनता का कल्याण हैं। ज्ञात हो कि तमिलनाडु में भाजपा और अन्नाद्रमुक का गठबंधन है।

उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरीके से केंद्र की राजग सरकार और तमिलनाडु सरकार ने काम किया है वह सहकारी संघवाद का बेहतरीन उदाहरण है। हमने तमिलनाडु की जनता के हित में साथ काम किया है।’’

इससे पहले, प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु को 12,400 करोड़ रुपये की लागत वाली आधारभूत संरचना से जुड़ी कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की सौगात भेंट की और कहा कि इन विकास कार्यों से पूरे राज्य को फायदा होगा।