इंदौर (मध्य प्रदेश) : प्राकृतिक खूबियों से भरपूर घृतकुमारी (एलोवेरा) का इस्तेमाल आमतौर पर दवाएं और सौंदर्य प्रसाधन बनाने में किया जाता है। इंदौर के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के अध्येताओं ने दावा किया है कि इसके फूलों के रस में कुछ खास रसायन भी होते हैं जो मेमोरी चिप और डेटा भंडारण के अन्य उपकरणों के निर्माण में मददगार सिद्ध हो सकते हैं।

आईआईटी इंदौर के भौतिकी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. राजेश कुमार ने रविवार को "पीटीआई-भाषा" को बताया, "हमने अपने अध्ययन के दौरान एलोवेरा के फूलों के रस में विद्युत प्रवाहित की। इस प्रयोग के नतीजों से पता चला कि इसके रस में इलेक्ट्रॉनिक मेमोरी के प्रभाव वाले रसायन हैं और आवश्यकता के मुताबिक इनकी विद्युत चालकता को बढ़ाया या घटाया जा सकता है।"

उन्होंने बताया, "मेमोरी चिप जैसे डेटा भंडारण उपकरण बनाने में कृत्रिम रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है। अगर विषय विशेषज्ञों द्वारा आगे विस्तृत अनुसंधान किया जाए तो इन उपकरणों के निर्माण में कृत्रिम रसायनों के बजाय एलोवेरा के फूलों के रस में मिले प्राकृतिक रसायनों के इस्तेमाल की नयी राह खुल सकती है।"

कुमार ने बताया कि एलोवेरा के फूलों के रस को लेकर आईआईटी इंदौर के भौतिकी विभाग की मटेरियल्स एंड डिवाइस (मैड) प्रयोगशाला में अध्ययन किया गया। इसे पीएचडी विद्यार्थी तनुश्री घोष के साथ सुचिता कांडपाल, चंचल रानी, मनुश्री तंवर, देवेश कुमार पाठक और अंजलि चौधरी ने अंजाम दिया।