हैदराबाद : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को तेलंगाना के स्थापना दिवस पर राज्य की जनता को बधाई दी, वहीं मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को अनुकरणीय बताते हुए आरोप लगाया कि केंद्र ने तेलंगाना के खिलाफ भेदभाव किया है।

राव ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्यों को आर्थिक रूप से कमजोर करने की साजिश रच रही है, वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि जनता की बेहतर भविष्य की आकांक्षाओं से तेलंगाना का जन्म हुआ है लेकिन इसे ‘कुशासन’ झेलना पड़ा है।

तेलंगाना स्थापना दिवस राज्य में भव्य तरीके से मनाया गया। राज्य सरकार के अलावा सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस समेत राजनीतिक दलों एवं कई अन्य संगठनों ने विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये।

राव ने आरोप लगाया कि केंद्र की राजग सरकार ने तेलंगाना के गठन के बाद से ही उसके साथ भेदभाव किया है। उन्होंने तेलंगाना के सात मंडलों को आंध्र प्रदेश में मिलाने जैसे अनेक मुद्दे गिनाये।

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि केंद्र सरकार तेलंगाना में पैदा हुए धान की खरीद में बुरी तरह विफल रही है और उसने पल्ला झाड़ लिया है। राव ने याद दिलाया कि उन्होंने धान खरीद पर केंद्र के रुख के विरुद्ध दिल्ली में प्रदर्शन किया था।

पिछले आठ साल की तेलंगाना सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में राज्य के गठन के बाद इन आठ साल में तेलंगाना का सकल राज्य घरेलू उत्पाद दोगुने से अधिक होकर 11.55 लाख करोड़ रुपये का हो गया। उन्होंने कहा कि इसके अलावा प्रति व्यक्ति आय में भी इसी तरह की प्रवृत्ति रही जो 2014 में 1.24 लाख रुपये थी और 2021 में बढ़कर 2.79 लाख रुपये हो गयी।

राव ने कहा कि तेलंगाना देश का एकमात्र राज्य है जो सभी क्षेत्रों को 24 घंटे निर्बाध बिजली प्रदान कर रहा है और किसानों को मुफ्त बिजली दी जा रही है। उन्होंने दावा किया कि राज्य अनेक क्षेत्रों में दूसरे राज्यों के लिए अनुकरणीय बनकर उभरा है।

उन्होंने कहा कि जब राज्य की स्थापना हुई थी तो विद्युत उत्पादन क्षमता केवल 7,778 मेगावाट थी। लेकिन उनकी सरकार के प्रयासों से अब यह 17,305 मेगावाट हो गयी है।

मुख्यमंत्री ने यहां तेलंगाना राज्य स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए केंद्र पर निशाना साधा और ‘नफरत की राजनीति’ करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इससे देश 100 साल पीछे चला जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘इस समय केंद्र में जो सरकार है वह ‘मजबूत केंद्र-कमजोर राज्यों’ के तुच्छ सिद्धांत पर चल रही है।’’ केंद्र सरकार पर राज्यों को आर्थिक रूप से कमजोर करने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए राव ने कहा कि केंद्र सरकार उपकर के रूप में करों को हस्तांतरित कर रही है और इस तरह केंद्र को अर्जित होने वाले कर में राज्यों के संवैधानिक हिस्से को देने से बच रही है।

उन्होंने कहा कि इससे सभी वाकिफ हैं कि केन्द्र सरकार राज्यों के हिस्से के लाखों-करोड़ों रुपये अपने पास रख रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार मनमाने तरीके से तमाम पाबंदियां लगा रही है और राज्यों की आर्थिक आजादी को बाधित कर रही है।

राव ने कहा कि हालांकि, केन्द्र इस बात पर जोर दे रहा है कि राज्य एफआरबीएफ के प्रावधानों का पालन करें, लेकिन वह खुद ऐसा नहीं कर रहा है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र का रुख तेलंगाना जैसे राज्यों की राह में रोड़ा बन गया है, जो एफआरबीएफ (वित्तीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन) के दायरे में रहते हुए ऋण और निवेश खर्च का प्रबंधन करके वित्तीय अनुशासन बनाए रखता है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं केन्द्र से तत्काल इस पर विचार करने और राज्यों पर लगी आर्थिक पाबंदियों को हटाने और भविष्य में राज्यों के अधिकारों का उल्लंघन रोकने की मांग करता हूं।’’

राव ने कहा कि केन्द्र के ‘किसान विरोधी’ सुधारों को लागू करने से इनकार करने के कारण तेलंगाना को हर साल 5,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है और पिछले पांच साल में राज्य को 25,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

उन्होंने कहा कि देश में नफरत की राजनीति की वजह से खतरनाक स्थिति है। राव ने कहा, ‘‘देश में धार्मिक पागलपन के अलाव और कोई चर्चा या बहस नहीं हो रही।’’

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तेलंगाना के स्थापना दिवस पर राज्य की जनता को बधाई दी और कहा कि राज्य ने विकास के संकेतकों पर उल्लेखनीय प्रगति की है और उद्योगों के केंद्र के रूप में उभरा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना की जनता की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे परिश्रम तथा राष्ट्रीय प्रगति के लिए समर्पण के पर्याय हैं।

राव ने इस अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और अलग राज्य के लिए हुए संघर्ष में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी।