लखनऊ देश की राजनीतिक दिशा को परिवर्तित कर देने वाले अयोध्या विध्वंस मामले में बुधवार को सीबीआइ की विशेष अदालत फैसला सुनाएगी। 28 साल से चल रहे इस मुकदमे में भारतीय जनता पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी आरोपित हैं और फैसला सुनाने पहले इनमें से करीब 26 आरोपित कोर्ट पहुंंच गए हैं।

बताया जा रहा है कि निर्णय करीब दो हजार पेज का हो सकता है। इसे सुनाने के तुरंत बाद कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जायेगा। सीबीआइ व अभियुक्तों के वकीलों ने ही करीब साढ़े आठ सौ पेज की लिखित बहस दाखिल की है।

इसके अलावा कोर्ट के सामने 351 गवाह सीबीआइ ने परीक्षित किए व 600 से अधिक दस्तावेज पेश किए। विशेष जज एसके यादव के कार्यकाल का आज अंतिम फैसला होगा। 30 सितंबर 2019 को रिटायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाने तक उन्हें सेवा विस्तार दे रखा है।

लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, महंत नृत्य गोपाल दास, कल्याण सिंह, सतीश प्रधान छोड़कर सभी 26 अभियुक्त अदालत में आ गए हैं। सभी आने वाले अभियुक्तों की सूचना विशेष जज एसके यादव को दी गई। कुछ ही देर में वह कोर्ट रूम में आने वाले हैं।

विशेष जज एसके यादव ने सभी अभियुक्तों के हाजिर होने की जानकारी पेशकार के जरिये मांगी। बचाव पक्ष के वकीलों ने पेशकार को बताया कि आने वाले अभियुक्तों में दो अभी आने वाले हैं।

अयोध्या विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष कोर्ट करीब 26 आरोपित पहुंच गए हैं। कुछ देर में विशेष जज एसके यादव फैसला पढ़कर सुनाएंगे।

-अयोध्या विध्वंस मामले में कोर्ट पहुंचे आरोपित रामजी गुप्ता ने कहा कि निर्णय हमारे पक्ष में होगा। मैं शुरू से आंदोलन में शामिल था। यदि दोषी ठहराया जाते हैं तो जेल जाने को तैयार हूं। पहली मेरी गिरफ्तारी हुई थी। उसी फाइल में 49 लोग आ गए।