लिया (उप्र), 27 जनवरी।  बलिया से भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त और जिले की बैरिया सीट से पार्टी विधायक सुरेंद्र सिंह के बीच टकराव उत्पन्न हो गया है। भाजपा विधायक द्वारा मस्त पर भूमाफिया होने का आरोप लगाए जाने के बाद जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक में दोनों के समर्थकों के बीच झड़प हो गई।

जिले के बैरिया क्षेत्र के विधायक सिंह ने मंगलवार रात अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए बलिया से भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त पर तीखे हमले किये और उन्हें 'भूमाफिया' करार दिया।

सिंह ने आरोप लगाया कि सांसद ने स्वयं और अपने बेटे तथा भाई एवं भतीजे के नाम पर बैरिया क्षेत्र के बाबु के शिवपुर गांव के विजय बहादुर सिंह की 18 एकड़ से ज्यादा भूमि धोखाधड़ी के जरिये हथिया ली है।

उन्होंने अपने आरोप के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं दिये।

सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि जिलाधिकारी एच. पी. शाही सत्ता के दबाव में डरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि वह सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त और जिलाधिकारी शाही की 'बुद्धि-शुद्धि' के लिए जिलाधिकारी कार्यालय पर जल्द ही 101 घण्टे का उपवास करेंगे।

बैठक में मौजूद सूत्रों के अनुसार दोपहर में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक में भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त और पार्टी विधायक सुरेन्द्र सिंह में नोकझोंक के बाद दोनों के समर्थकों के बीच भिड़ंत हो गई।

सूत्रों के अनुसार बैठक की अध्यक्षता कर रहे सांसद मस्त ने अधिकारियों से विकास कार्यक्रमों को लेकर ब्यौरा मांगा, तभी भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह अपनी बात कहने लगे। सूत्रों ने बताया कि सांसद ने विधायक को रोका तो बैठक में मौजूद भाजपा सांसद के एक समर्थक ने कुछ टिप्पणी कर दी।

सूत्रों ने बताया कि यह टिप्पणी भाजपा विधायक को नागवार गुजरी और वह बैठक का बहिष्कार करके बाहर निकल गए। सूत्रों के अनुसार बाहर निकलते समय सांसद और विधायक के समर्थकों के बीच नोकझोंक और झड़प हुई।

बैठक का बहिष्कार करने के बाद भाजपा विधायक सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक में सूची के अनुसार ही जनप्रतिनिधि तथा अधिकारी मौजूद होते हैं लेकिन सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने मनमानी करते हुए बैठक में अनाधिकृत लोगों को बैठा दिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं बैठक में भाजपा सांसद मस्त द्वारा बाबा के शिवपुर ग्राम के विजय बहादुर सिंह की भूमि हड़पने का मसला उठाना चाहता था।’’

वहीं, सांसद ने कहा कि बैठक व्यवस्था के जरिये संचालित होती है। उन्होंने कहा कि बैठक में भाजपा विधायक अधिकारियों पर गलत काम करने के लिए दबाव बना रहे थे, जिस पर उन्हें रोका गया।

एक सवाल के जवाब में मस्त ने कहा, ‘‘उन्हें अच्छी तरह मालूम है कि बैठक में किसे बुलाना है और किसे नहीं। उन्हें सुरेंद्र सिंह नहीं सिखा सकते कि बैठक का संचालन किस तरह किया जाए।’’

इसके पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह द्वारा भूमाफिया करार दिए जाने के आरोप पर भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने उनका नाम लिये बगैर एक कार्यक्रम में कहा कि वह उत्तर प्रदेश के सबसे शक्तिशाली सांसद हैं और अगर वह खामोश हैं तो इसे उनकी कमजोरी न समझा जाए।

उन्होंने सिंह पर परोक्ष तौर पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘समाज में नफरत फैलाकर कोई समाज का भला नहीं कर पाता है। मैं नहीं बोलता हूं तो इसका मतलब यह हरगिज नहीं है कि मैं डरता हूँ।’’

सुरेंद्र सिंह के आरोप पर भाजपा सांसद मस्त के निजी सचिव अमन सिंह ने कहा कि भाजपा विधायक मानसिक रूप से दिवालिया हो गए हैं। उन्होंने कहा कि सिंह को मीडिया के समक्ष आरोप लगाने के बजाय कानून के प्रावधान के तहत लड़ाई लड़नी चाहिए।