ऋषिकेश (उत्तराखंड), 25 जनवरी।  कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) से हाल में स्थानांतरित बाघों की गहन निगरानी के लिए राजाजी टाइगर रिजर्व (आरटीआर) के पश्चिमी भाग में 100 कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं।

राजाजी टाइगर रिजर्व के पश्चिमी हिस्से में बाघों की संख्या को बढाने के लिए हाल में सीटीआर से दो बाघ—एक नर और एक मादा—को स्थानांतरित किया गया था।

उत्तराखंड के प्रमुख मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव, विनोद कुमार सिंघल ने 'भाषा' को बताया, ‘‘फिलहाल राजाजी टाइगर रिजर्व के पश्चिमी भाग के जंगल में कॉर्बेट से लाकर बसाये जा रहे बाघों की गतिविधियों पर गहनता से नजर रखने के लिए 100 स्थानों पर कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं। इनसे लगातार बाघों के जंगल मे विचरण की तस्वीरें मिल रही हैं।’’

उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में स्थानांतरित बाघों की निगरानी और बढ़ाने के लिए कुछ पालतू हाथियों को तैनात करने का निर्णय भी विभाग ले सकता है।

मोतीचूर रेंज में स्थित अपने बाडे में रेडियो कॉलर निकाल कर जंगल में भागे स्थानांतरित बाघ के संबंध में सिंघल ने कहा कि उसे दोबारा से रेडियो कॉलरिंग किये जाने की संभावना पर भी व्यापक रूप से विचार किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इस संबंध में देश के अन्य टाइगर रिजर्वों से संपर्क कर स्थानांतरित बाघ को रेडियो रिकॉलरिंग करने की पूरी प्रक्रिया के बारे में अध्य्यन किया जा रहा है।

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के उपमहानिरीक्षक, वन, सुरेन्द्र मेहरा ने हाल में उत्तराखंड के वन विभाग को पत्र लिख कर स्थानांतरित बाघों की गहन निगरानी के लिए पर्याप्त उपाय करने को कहा था।