देहरादून : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि भारत को भविष्य में युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार रहने की जरूरत है और इसके लिए सशस्त्र बलों और नागरिक प्रशासन के बीच बेहतर तालमेल का आह्वान किया।

मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में अपने संबोधन के दौरान सिंह ने यूक्रेन में जारी युद्ध का भी उल्लेख किया और इस बात पर जोर दिया कि साइबर और छद्म युद्धों के मद्देनजर सुरक्षा चुनौतियां अब और अधिक जटिल हो गई हैं।

उन्होंने कहा कि भारत शांति में विश्वास करता है और ‘‘युद्ध छेड़ना हमारी प्रकृति का हिस्सा नहीं है।’’

रक्षा मंत्री ने आईएएस अकादमी के 28वें संयुक्त नागरिक-सैन्य प्रशिक्षण कार्यक्रम में कहा कि अगर भारत को युद्ध के लिए उकसाया जाता है, तो हमला करने वाले देश को नुकसान होगा क्योंकि भारत अपने हथियारों के बल पर नहीं बल्कि अपने मनोबल से लड़ता है।

सिंह ने कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं कि हमारे पड़ोसियों की साजिशों को ध्यान में रखते हुए, विशेष रूप से एक, भारत को भविष्य में पूर्ण युद्ध के लिए खुद को तैयार रखने की जरूरत है। मुझे विश्वास है कि सशस्त्र बलों और नागरिक प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय और तालमेल के जरिये हम ऐसे युद्ध के लिए अपनी भविष्य की तैयारियों को मजबूत कर सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में अकेले सशस्त्र बल सुरक्षा चुनौतियों का सामना नहीं कर सकते।

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘प्रशासन के विभिन्न अंगों और सशस्त्र बलों के बीच बेहतर समन्वय समय की मांग है।’’

साइबर और छद्म युद्ध का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि साइबर हमले के जरिए एक देश दूसरे देश की अर्थव्यवस्था, बैंकिंग प्रणाली और चुनावी प्रक्रिया को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है।