देहरादून : हरिद्वार कुंभ के दौरान कथित फर्जी कोविड टेस्ट घोटाले में विशेष जांच दल (सिट) ने पहली गिरफ्तारी की है ।

हरिद्वार के पुलिस क्षेत्राधिकारी (नगर) अभय प्रताप सिंह ने बृहस्पतिवार को बताया कि घोटाले की आरोपी नलवा लैबोरेटरीज को मानव संसाधन और अन्य सामग्री उपलब्ध कराने वाले आशीष वशिष्ठ नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया ।

हरियाणा के झज्जर जिले के बधाना गांव के रहने वाले आशीष को एक स्थानीय अदालत के सामने पेश किया गया जिसने उसे 14 दिन के न्यायिक रिमांड पर भेज दिया ।

घोटाले के संबंध में यह पहली गिरफ्तारी है। पुलिस ने कोविड जांच के दौरान प्रयुक्त रजिस्टर व लैपटॉप बरामद करने के लिए अदालत से आरोपी को 23 जुलाई से तीन दिन की पुलिस हिरासत में देने का अनुरोध किया था जिसे स्वीकार कर लिया गया है ।

नलवा लैबोरेटरीज घोटाले में आरोपी दो निजी लैबों में से एक है जिसके खिलाफ फर्जी कोविड टेस्ट करने के लिए महामारी अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम तथा भारतीय दंड विधान की धारा 120 बी तथा 420 के तहत मामला दर्ज किया गया है । मामले में आरोपी बनाई गई दूसरी लैब डा लालचंदानी लैब है । हरिद्वार के मुख्य चिकित्साधिकारी की तहरीर पर पिछले महीने मैक्स कारपोरेट सर्विसेज और दो निजी लैबों के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने के बाद घोटाले की जांच के लिए हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सैंथिल अबूदई कृष्णराज एस ने सिट का गठन किया था ।