तिरुनवंतपुरम : केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बुधवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के खिलाफ उनके कदम, विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं करना और राज्य के वित्त मंत्री को हटाने की मांग करना यहां आरएसएस-संघ परिवार का एजेंडा लागू करने के प्रयास हैं।

मुख्यमंत्री ने राज्यपाल पर यह आरोप भी लगाया कि वह खुद को न्यायपालिका से ऊपर समझ रहे हैं और विधायिका की शक्तियों को कमतर करने की कोशिश कर रहे हैं।

यहां एक शिक्षा संरक्षण समिति द्वारा आयोजित सम्मेलन में विजयन ने दावा किया कि केरल विश्वविद्यालय के 15 सीनेट सदस्यों को हटाने और राज्य में कई विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के तत्काल इस्तीफे की मांग करने संबंधी खान का हालिया कदम कुलाधिपति के रूप में उन्हें हासिल शक्तियों के दायरे में नहीं आते।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायिका ने विश्वविद्यालय कानूनों के तहत कुलाधिपति का पद सृजित किया था और यही उस पद की शक्तियों को भी निर्धारित करती है।

विजयन ने कहा हालांकि, कुलाधिपति के हालिया कदमों ने आरएसएस और संघ परिवार जैसे कुछ संगठनों या समूहों में “बेचैनी” का संकेत दिया है, जो उच्च शिक्षा के क्षेत्र में केरल द्वारा किए गए सुधारों से नाखुश हैं।

उन्होंने कहा, “यह राज्य में विश्वविद्यालयों के भगवाकरण के आरएसएस और संघ परिवार के एजेंडे का हिस्सा है।”

विजयन ने राज्य के वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल को कैबिनेट से हटाने की खान की हालिया मांग की भी आलोचना की।

उन्होंने कहा कि राज्यपाल को संविधान के तहत हासिल शक्तियों के बारे में कुछ देर सोचना चाहिए।

विजयन ने कहा कि राज्यपाल मुख्यमंत्री की सहायता और सलाह पर मंत्रियों की नियुक्ति करता या उन्हें हटाता है न कि अपनी मर्जी से। खान को यह बात ध्यान रखनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल के हालिया कदम राज्य में संवैधानिक संकट पैदा करने की कुछ ताकतों के प्रयासों का हिस्सा हैं।