कोच्चि (केरल),: केरल में राजभवन और वाम सरकार के बीच जारी खींचतान के बीच राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सोमवार को आरोप लगाया कि माकपा शासित राज्य में ‘‘कुलीनतंत्र’’ है और यह सरकारी नौकरियों में पार्टी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति के मामलों से स्पष्ट तौर पर जाहिर है।

उन्होंने यह टिप्पणी तिरुवनंतपुरम के महापौर के कार्यालय के एक कथित पत्र की खबरों का हवाला देते हुए की, जिसमें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की ‘‘प्राथमिकता सूची में शामिल’’ कार्यकर्ताओं को नागरिक निकाय में अस्थायी पदों पर नियुक्त करने के लिए कहा गया था।

राज्यपाल ने कहा, ‘‘ मीडिया में जिस पत्र की चर्चा है, वह इस तरह का पहला मामला नहीं है। ऐसे कई पत्र मौजूद हैं। केरल में वे एक कुलीनतंत्र की तरह बन गए हैं।’’

उन्होंने यह भी दावा किया कि लोग पूछ रहे हैं कि क्या केरल सरकार के तहत सभी नौकरियां कार्यकर्ताओं के लिए आरक्षित हैं और विश्वविद्यालय की नौकरियां तिरुवनंतपुरम में शक्तिशाली लोगों के लिए हैं?

राज्यपाल ने कहा कि माकपा के नेतृत्व ने देश की एकता को कथित रूप से प्रभावित करने वाली वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल की टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया है।

उन्होंने पहले बालगोपाल पर उनके पद की गरिमा का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को सूचित किया था।

खान ने मुख्यमंत्री से ऐसी कार्रवाई करने को कहा जो ‘‘संवैधानिक रूप से उचित’’ हो।

राज्यपाल ने माकपा नियंत्रित ‘कैराली न्यूज’ और कोझिकोड स्थित ‘मीडिया वन’ चैनल के कर्मियों के कार्यक्रम स्थल से चले जाने के बाद पत्रकारों से बात की।

उन्होंने कहा कि वह इन दो चैनल के मीडियाकर्मियों से बात नहीं करेंगे और आरोप लगाया कि वे मीडिया के रूप में (केरल सरकार के) कार्यकर्ता हैं।