अमरावती: आंध्र प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में पिछले वर्ष की तुलना में 2021 में 21.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ है जबकि इन मामलों की जांच में लगने वाले औसत दिनों की संख्या 102 से घटकर 42 दिन रह गयी है। राज्य पुलिस की ओर से मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।

राज्य पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक आंध्र प्रदेश में संपूर्ण अपराध की दर में तीन प्रतिशत की वृद्धि देखी गयी है। रिपोर्ट के अनुसार 2020 के दौरान 1,22,987 के मुकाबले राज्य में 2021 में 1,27,127 संज्ञेय अपराध हुए।

आंध्र प्रदेश में होने वाले कुल अपराधों में से महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों का हिस्सा 14 प्रतिशत है। राज्य में 2021 में महिलाओं के खिलाफ कुल 17,736 अपराध हुए जबकि 2020 में यह संख्या 14,603 रही।

आंध्र प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौतम सवांग ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों की संख्या में वृद्धि को नकारात्मक परिप्रेक्ष्य में नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि यह संख्या पुलिस और आपराधिक न्याय प्रणाली तक पहुंच और सरकार द्वारा महिलाओं के बीच जागरूकता पैदा करने का संकेत देती है।

डीजीपी ने पीटीआई-भाषा से कहा, "हमारे पास कई ऐसे कार्यक्रम हैं जिनके जरिए महिलाएं आगे आकर किसी भी समस्या के मामले में शिकायत दर्ज करा सकती हैं। हमारे दिशा नामक ऐप, जिसे महिला सुरक्षा के लिए डिज़ाइन किया गया था, उसे करीब 97 लाख से अधिक लोगों ने डाउनलोड किया हुआ है, इससे पता चलता है कि महिलाएं पहले की तुलना में अब काफी जागरुक हैं।"