अमरावती : आंध्र प्रदेश में कोविड-19 रोधी टीके की आपूर्ति के लिए अंतरराष्ट्रीय दवा कंपनियों को निविदा आमंत्रित करने पर किसी कंपनी से सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिलने के बाद मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने अपने समकक्ष मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि स्थिति अब ‘राज्य बनाम केंद्र’ की हो गई है और अब समय आ गया है कि वे सभी ‘एक स्वर में अपनी बात रखें।’

जगन ने एक पत्र में कहा, ‘‘यह मेरा आग्रह है कि एक मुख्यमंत्री के तौर पर हम एक स्वर में अपनी बात रखें और भारत सरकार से अपील करें कि वह टीकाकरण अभियान की जिम्मेदारी उसी तरह उठा ले, जैसा कि वर्ष की शुरुआत में हो रहा था।’’

उन्होंने कहा कि अभी वक्त की जरूरत है कि किसी भी स्रोत से टीके की उपलब्धता को बढ़ाई जाए।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘एक ऐसा केंद्रीकृत और समन्वित टीकाकरण अभियान जिसे राज्य का सहयोग प्राप्त हो, वह देश के लोगों के लिए अच्छे परिणाम ला सकता है। मौजूदा टीकाकरण अभियान में कई मुद्दों की वजह से परेशानियां हैं। कुछ राज्यों को लगता है कि उन्हें पर्याप्त नहीं मिल रहा है और वैश्विक आमंत्रणों में इच्छित प्रतक्रिया नहीं मिल रही है।’’

उन्होंने कहा कि वैश्विक निविदा आमंत्रित किए जाने के बाद भी किसी ने इस पर इच्छित प्रतिक्रिया नहीं दी और स्थिति अब राज्य बनाम केंद्र की हो गई है और इसमें मान्यता देने वाला प्राधिकार भी भारत सरकार ही है। उन्होंने कहा कि लोगों को टीका लगाने में विलंब से बड़ी कीमत अदा करनी पड़ सकती है। उन्होंने आगाह करते हुए कहा. ‘कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण ही हमारा धारदार हथियार है।’

जगन ने अपने साथी मुख्यमंत्रियों से अपील की है कि वह इस मुद्दे पर उनका समर्थन करें और एक स्वर में अपनी बात रखते हुए यह सुनिश्चित करें कि भारत महामारी से पार पा जाएगा।

प्रमुख स्वास्थ्य सचिव (स्वास्थ्य) अनिल कुमार सिंघल ने कहा, ‘‘ सभी राज्यों में स्थिति एक जैसी है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान और ओडिशा को भी कोई कंपनी नहीं मिली। कर्नाटक ने इस पर प्रतिक्रियाओं की कमी की वजह से निविदा रद्द कर दी। उत्तर प्रदेश ने समय-सीमा बढ़ाकर 10 जून की है।’’

आंध्र प्रदेश में निविदा की तारीख़ अगले दो सप्ताह के लिए बढ़ा दी है।