विशाखापट्टनम : उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भारत को एक अग्रणी समुद्री राष्ट्र बनाने का आह्वान किया और इस महत्वपूर्ण लक्ष्य को प्राप्त करने में बंदरगाहों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

विशाखापट्टनम पत्तन न्यास (वीपीटी) के अध्यक्ष के राममोहन राव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने यहां उपराष्ट्रपति से बातचीत के दौरान उनके सामने एक प्रस्तुति भी दी। उन्होंने उपराष्ट्रपति को बंदरगाह के विस्तार की योजनाओं समेत उसकी विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।

भारत के 7517 किलोमीटर लंबी तटरेखा और 200 बड़े -छोटे बंदरगाहों के साथ दुनिया के अहम जहाज मार्गों पर स्थित होने का जिक्र करते हुए नायडू ने कहा, “यह बंदरगाह भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।”

पुराने समय में भारत के एक महान समुद्री शक्ति होने और चोल व कलिंग राजोओं की नौसेनाओं के समुद्र पर राज करने का उल्लेख करते हुए नायडू ने कहा, “हमें उस पुराने गौरव को फिर से हासिल करना होगा।”

देश में बंदरगाह के बुनियादी ढांचे के विकास के बारे में उन्होंने कहा कि महत्वाकांक्षी सागरमाला परियोजना के हिस्से के रूप में बंदरगाह के नेतृत्व वाले विकास के अवसरों को सामने लाने के लिये 504 से ज्यादा योजनाओं की पहचान की गई है। नायडू ने कहा कि इन पहल से अवसंरचना में निवेश के रूप में 3.75 लाख करोड़ से ज्यादा प्राप्त होने की उम्मीद है।