गुवाहाटी : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को जोर देते हुए कहा कि मादक पदार्थों को जब्त किये जाने भर से देश मादक पदार्थों से मुक्त नहीं हो जाएगा, बल्कि प्रवर्तन एजेंसी को तस्करों और अंतिम उपभोक्ता के बीच इसके माध्यमों को नष्ट करने के लक्ष्य के साथ काम करना चाहिए।

‘मादक पदार्थ तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर यहां क्षेत्रीय बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा तभी सुनिश्चित हो सकती है जब मादक पदार्थों की तस्करी और इससे संबद्ध सभी माध्यमों को नष्ट कर दिया जाए।

शाह ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के तहत 75,000 किग्रा मादक पदार्थ नष्ट करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के तहत अब तक 1.5 लाख किग्रा मादक पदार्थ नष्ट किया जा चुका है, जो लक्ष्य से दोगुना से अधिक है।

उन्होंने कहा, ‘‘हथियारों की तस्करी के साथ उग्रवाद और मादक पदार्थों की तस्करी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।’’

शाह ने कहा कि प्रवर्तन एजेंसी को तस्करों और अंतिम उपभोक्ता के बीच सभी माध्यमों को नष्ट करने के लक्ष्य के साथ काम करना चाहिए।

उन्होंने कानून प्रवर्तन, स्वास्थ्य, राजस्व और समाज कल्याण विभागों से आग्रह किया कि मादक पदार्थ की तस्करी रोकने के लिए द्विआयामी रुख अपनाया जाए।

शाह ने क्षेत्र के सभी सात राज्यों द्वारा मादक पदार्थों की समस्या के सतर्क करने वाले स्तर का सामना करने को लेकर चिंता जताई। यह स्तर शेष भारत के औसत स्तर से अधिक है।

उन्होंने राज्य और केंद्रीय एजेंसियों को म्यांमा और बांग्लादेश से लगी देश की सीमाओं से होने वाली मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा।

गृह मंत्री ने कहा कि क्षेत्र में एक ‘‘ड्रग सिंडिकेट’’ भी काम कर रहा है क्योंकि नाइजीरियाई नागरिकों की संलिप्तता के साक्ष्य सामने आये हैं।

उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी की उसके स्रोत से लेकर गंतव्य तक गहन जांच की जानी चाहिए ताकि इसके समूचे नेटवर्क पर कार्रवाई की जा सके।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें तस्करों के प्रति कठोर होना होगा और साथ ही पीड़ितों के साथ संवेदनशीलता बरतनी होगी।’’