कोकराझार (असम), 24 जनवरी । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि एक साल पहले हस्ताक्षर किये गए ऐतिहासिक बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन (बीटीआर) समझौते ने पूर्वोत्तर में उग्रवाद को समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू की और शांति एवं विकास का मार्ग प्रशस्त किया।

शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने अतीत में विभिन्न उग्रवादी संगठनों के साथ कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए, लेकिन वह अपने वादों को निभाने में नाकाम रही। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन भाजपा सभी समझौतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और यह क्षेत्र में उग्रवाद की समाप्ति की शुरूआत है। ’’

शाह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा बीटीआर समझौते के प्रावधानों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो क्षेत्र में शांति और विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा। यह क्षेत्र में उग्रवाद के अंत की शुरुआत का प्रतीक है।’’

वहीं, कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा का यह दावा बेमतलब की बात है कि भगवा पार्टी ने उग्रवाद पर अंकुश लगाकर असम में शांति और स्थिरता सुनिश्चित की है, जबकि यह सर्वविदित है कि कांग्रेस सरकार को कई उल्फा नेताओं का आत्मसमर्पण करा कर और उनके पुनर्वास के जरिए राज्य में शांति लाने का श्रेय दिया जाता है। जबकि इस संगठन ने 2011 में एकतरफा संघर्ष विराम की घोषणा की थी।

पार्टी के लोकसभा सदस्य प्रद्युत बारदोलोई ने कहा, ‘‘2006- 2016 से असम के विकास चार्ट से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस ने राज्य में स्थिरता और विकास के साथ प्रभावी ढंग से उग्रवाद पर अंकुश लगाया था। यह राज्य में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि की दर 2001 के 1.75 प्रतिशत से बढ़ कर 2013-14 में 6.68 प्रतिशत पर पहुंचने से प्रदर्शित होता है।’’

शाह ने कहा, ‘‘गृहमंत्री के तौर पर और प्रधानमंत्री का प्रतिनिधि होने के नाते, मैं आप सबको भरोसा दिलाता हूं कि क्षेत्र (बोडोलैंड) में जहां कभी हत्या, अपहरण और हिंसा हुआ करती थी, वह असम के सबसे विकसित हिस्से के तौर पर उभरेगा।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने शासन के दौरान हिंसा नहीं रोक सकी और शांति नहीं ला सकी ‘‘लेकिन वह हमें सलाह देने से बाज नहीं आ रही।’’

शाह ने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि उसने अपने शासन काल के दौरान शांति एवं विकास के लिए क्या किया था? प्रधानमंत्री (मोदी) ने वादे किये और उन्हें पूरा किया। हमने बहुत हिंसा देखी है, अब शांति और विकास का वक्त है।’’

उन्होंने बीटीआर समझौता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि भाजपा सरकार में असम के सभी समुदायों के राजनीतिक अधिकार, संस्कृति और भाषा सुरक्षित है।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री शनिवार को असम में थे और उन्होंने एक लाख से अधिक स्थानीय मूल के लोगों को भूमि पट्टे वितरित किए। राज्य सरकार ने पहले ही बोडो को असम की सहायक भाषा बना दिया है।’’

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘राज्य के सभी समुदायों की समृद्ध संस्कृति, भाषा और विरासत की रक्षा, संरक्षण और संवर्धन के लिए कई उपाय किए गए हैं।’’

शाह ने कहा कि केवल भाजपा ही नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में असम को भ्रष्टाचार , उग्रवाद और प्रदूषण मुक्त बना सकती है।

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में हालिया पंचायत चुनाव के दौरान एक भी गोली नहीं चली। इसी तरह, असम में हालिया बीटीसी चुनाव हिंसा मुक्त संपन्न हुए, जिसमें 80 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ।

शाह ने जोर देते हुए कहा, ‘‘आज की रैली में सभी समुदायों की मौजूदगी उन लोगों को मुंहतोड़ जवाब है जो बोडो क्षेत्रों में हिंसा और खूनखराबा करने में संलिप्त रहे हैं। लोगों ने यहां साबित कर दिया है कि वे भारत मां की संतान हैं। ’’

बोडोलैंड प्रांतीय क्षेत्र जिले (बीटीएडी) में शांति के लिए तैयार किये गए बीटीआर समझौते पर पिछले साल 27 जनवरी को केंद्र सरकार, असम सरकार, नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ़ बोडोलैंड के सभी चार गुटों और तत्कालीन बोडोलैंड प्रांतीय परिषद प्रमुख हगराम मोहिलरी द्वारा हस्ताक्षर किये गए थे।

शाह ने यह भी कहा कि बीटीआर में सड़क नेटवर्क के विकास के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अब बीटीसी (बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल) प्रमुख प्रमोद बोडो को आश्वस्त किया है कि समझौते में किये गये सभी वादों और मौखिक रूप से किये गये वादों को भी पूरा किया जाएगा क्योंकि आत्मनिर्भर बोडोलैंड के बगैर आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार नहीं हो सकता। ’’

उन्होंने विधानसभा चुनाव में भाजपा के आसानी से जीत हासिल करने का भरोसा जताया।

शाह ने आत्मसमर्पण कर चुके कुछ उग्रवादियों को दिन में पुनर्वास पैकेज भी वितरित किये।