भुवनेश्वर, 22 जून (भाषा) पुरी में ऐतिहासिक भगवान जगन्नाथ रथयात्रा को उच्चतम न्यायालय की मंजूरी के संकेत मिलने के साथ ही ओडिशा सरकार ने सोमवार को प्रशासनिक अमले को 23 जून को निर्धारित यात्रा के लिये युद्ध स्तर पर तैयारियां पूरी करने का निर्देश दिया है।

राज्य के मुख्य सचिव ए के त्रिपाठी और पुलिस महानिदेशक अभय जरूरी इंतजामों के लिये पुरी पहुंचे।

त्रिपाठी ने कहा, 'डीजीपी और मैं मुख्यमंत्री के निर्देश पर तैयारियों का जायजा लेने के लिये पुरी पहुंचे हैं। हम यहीं पर रुकेंगे। मुझे भरोसा है कि कल श्रद्धालुओं के बिना ही सुगमता के साथ रथयात्रा निकाली जाएगी। इस दौरान कोविड-19 दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाएगा।'

पुरी जिला प्रशासन ने इस ऐतिहासिक कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर एक बैठक की है। विभिन्न विभागों को यात्रा के लिये अपना तंत्र तैयार रखने को कहा गया है।

पुरी जिला कलेक्टर बलवंत सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य, पुलिस, पेयजल, बिजली, स्वच्छता और स्थानीय निगम जैसे सभी विभाग तैयार हैं। उन्होंने लोगों से प्रशासन की मदद करने और अनुशासन बनाए रखने की अपील की।

श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के प्रमुख प्रशासक कृष्ण कुमार ने कहा कि सभी विभाग अच्छी तरह तैयार हैं।

एन सी पाल की अध्यक्षता में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) कोर कमेटी ने भी लकड़ी के इन तीन रथों का निरीक्षण किया और सत्यापित किया कि वे खींचे जाने के लिए सुरक्षित हैं।

पुरी नगरपालिका के अधिकारियों ने सभी सड़क विक्रेताओं से सोमवार शाम तक ग्रैंड रोड (बड़ा डांडा) को खाली करने को कहा है ताकि मंगलवार को रथ को खींचा जा सके।

पुलिस ने कहा कि उसे सूचना मिली है कि रथयात्रा को रोकने के लिये उच्चतम न्यायालय जाने वाले ओडिशा विकास परिषद के अध्यक्ष सुशांत पाढ़ी के घर पर अंडे फेंके गए हैं।

पुलिस ने बताया कि गुस्साए लोगों ने पाढ़ी की कार को पथराव कर क्षतिग्रस्त कर दिया और उनके खिलाफ नारेबाजी की। जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिये लाठीचार्ज किया।

भुवनेश्वर के बोमीखल में उनके घर के निकट सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है।

उच्चतम न्यायालय ने पाढ़ी की याचिका पर 18 जून को रथयात्रा रोक लगाने का आदेश दिया था। याचिका में कहा गया था कि रथयात्रा होने से जन स्वास्थ्य खतरे में पड़ सकता है।