बेगूसराय, 17 नवम्बर (हि.स.)। आस्था, सुचिता एवं सूर्योपासना का महापर्व छठ शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया। चार दिवसीय महापर्व के पहले दिन शुक्रवार को व्रतियों ने स्नान कर परिवार के साथ सात्विक भोजन कर नहाय खाय किया। स्नान और पूजा के बाद सबसे पहले छठ में प्रसाद बनाने के लिए गेहूं एवं चावल धोकर ओखली में कूटकर सुखाया।



इसके बाद अरवा चावल, चना का दाल एवं कद्दू की सब्जी ग्रहण किया। छठ को लेकर गांव से लेकर जेल के अंदर तक हर ओर लोकगीतों की धूम मची हुई है। गांव से शहर तक का हर घर तैयारी के साथ वातावरण भक्ति में लीन है। इस बार के छठ में बेगूसराय में सामाजिक समरसता का शानदार उदाहरण देखने को मिल रहा है। हिंदू धर्मावलंबियों के इस महापर्व में मुस्लिम समुदाय के लोग विभिन्न सामग्री बेचते रहे हैं।



लेकिन इस बार सबसे बड़ी बात है कि बेगूसराय में कई मुस्लिम महिला सूर्य देव और छठी मैया के अपना आराध्य मानते हुए छठ व्रत कर रही है। जेल में भी छठ गीतों के धूम के साथ व्रत की तैयारी चल रही है। सभी व्रती द्वारा गाए जा रहे लोकगीत से जेल का वातावरण भक्तिमय हो गया है। जेल सुपरिटेंडेंट ने बताया कि जेल में 15 महिला एवं 24 पुरुष कैदी छठ कर रहे हैं। सभी 39 व्रतियों को नया कपड़ा एवं पूजा सामग्री मुहैया कराया गया है।



इनके साथ रह रहे बच्चों को भी नया कपड़ा उपलब्ध कराया गया है। अर्घ्य देने के लिए तालाब और सुचिता के विशेष बंदोबस्त किए गए हैं। लोक आस्था के महापर्व छठ के दूसरे दिन शनिवार को सभी व्रती दिन भर निराहार रहकर देर शाम में खरना करेंगे। रविवार को सूर्यास्त के समय अस्ताचलगामी सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाएगा तथा सोमवार को सूर्योदय के समय उदयाचल गामी सूर्य को अर्घ्य देकर महापर्व का समापन होगा।



केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने महापर्व को लेकर बधाई देते हुए देश के उन्नति की कामना किया है। उन्होंने कहा है कि आज नहाय-खाय के साथ महापर्व छठ शुरू हो गया है। सभी श्रद्धालुओं को प्रणाम एवं शुभकामनाएं, जय छठी मैया। इधर, नहाय-खाय को लेकर बेगूसराय के तमाम गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है, जबकि बाजारों में भारी भीड़ लग गई है। दुकानदारों ने भी पर्व की सुचिता को लेकर विशेष बंदोबस्त किए हैं।