बेगूसराय, 02 दिसम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री के स्वच्छता हमारा सामाजिक दायित्व मंत्र को आगे बढ़ाकर स्वच्छ बेगूसराय सुंदर बेगूसराय बनाने के लिए शनिवार को राज्यसभा सदस्य (सांसद) प्रो. राकेश सिन्हा ने जीडी कॉलेज में सफाई अभियान चलाया। झाड़ू और थैला लेकर सांसद को जीडी कॉलेज में सफाई करता देख बड़ी संख्या में लोग इसमें शामिल हो गए।



सांसद के साथ क्रीड़ा भारती, अभाविप, एनसीसी, कॉलेज के छात्र-छात्रा एवं प्रोफेसर, खिलाड़ी भाजपा नेता एवं अन्य बुद्धिजीवी भी सफाई में शामिल हुए। पूरे कॉलेज परिसर की सफाई कर 20 बोरा से अधिक कचरा निकला गया। स्वच्छता अभियान में क्रीड़ा भारती के प्रांतीय सह मंत्री रणधीर कुमार, अभाविप के जिला संयोजक पुरुषोत्तम कुमार, कॉलेज के अंग्रेजी विभागध्यक्ष कमलेश कुमार, भाजपा नेता राम कल्याण सिंह एवं बलराम सिंह भी शामिल थे।



मौके पर प्रो. राकेश सिन्हा ने कहा कि छोटी-छोटी पहल बड़े काम को जन्म देती है। महात्मा गांधी ने 1920 में स्वच्छता को रचनात्मक कार्य का हिस्सा बनाया था। लेकिन आजादी के बाद 2014 तक यह ठंडे बस्ते में रहा। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी ने दो अक्टूबर 2014 को स्वच्छता अभियान शुरू किया। यह कोई कर्मकांड नहीं, लोगों को संदेश है कि आप स्वच्छता को नैतिक दायित्व समझें। आज अधिकारों की बात होती है, लेकिन कर्तव्य की बात भी होनी चाहिए।



प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए अभियान का असर पूरे देश में है। बेगूसराय में स्वच्छता की स्थिति ठीक नहीं है, शहर के हर हिस्से में गंदगी है। जीडी कॉलेज के प्रांगण में हजारों लोग रोज आते हैं, यहां इतनी गंदगी गलत है। स्वच्छ भारत स्वस्थ्य भारत का नरेन्द्र मोदी का यह मंत्र एक क्षण नहीं, बल्कि सालों भर दायित्व निभाने का है। सभी लोग समय-समय पर स्वच्छता अभियान चलाएं। इससे स्वच्छता होने के साथ-साथ जागरूकता होती है।



सफाई से हमारा शहर देश के सबसे साफ इंदौर की तरह बन सकता है। हम चाहे लें तो बेगूसराय को भी इंदौर बना सकते हैं। नरेन्द्र मोदी ने स्वयं झाडू पकड़ कर सबको साथ ले स्वच्छ रहने स्वस्थ्य रहने का संदेश दिया। दलगत भावना और सभी प्रकार संकीर्णता से ऊपर उठकर स्वच्छता बनानी जरूरी है। स्वच्छता शहर की पहचान और अस्मिता है। यहां से गुजरने वाले लाखों लोग जब शहर को स्वच्छ देखेंगे तो उनके बीच व्यापक संदेश जाएगा।



बेगूसराय में सड़क के दोनों ओर पौधारोपण की कमी है, तभी तो वायु प्रदूषण का स्तर 450 पर पहुंच गया। यह बहुत खतरनाक है, इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता घट रही है, छोटी बीमारियों में मौत हो रही है। विकास से होने वाली स्थिति से निपटने की कोई तैयारी नहीं है। चिमनी जैसे प्रदूषण के कारण लोगों की मौत हो रही है। बेगूसराय में बड़ी-बड़ी कंपनियां काम कर रही है। इनके पास करोड़ों का सीएसआर फंड है, उस फंड का उपयोग अदृश्य माध्यम से कहीं और हो रहा है।



प्रो. राकेश सिन्हा ने कहा कि स्वच्छता की पहल होनी चाहिए। महात्मा गांधी और विनोबा भावे ने राजनीति से अलग रहकर समाज में काम करने वालों को मंच दिया था। उन्होंने इस प्रयास से देश को आगे बढ़ाया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी राजनीति से अलग जाकर देशवासियों को ऐसा प्लेटफॉर्म दिया है। जिसमें हर कोई सक्रिय होकर समाज में अपना दायित्व निभा सकते हैं। हम सब मानें कि स्वच्छता हमारा नैतिक दायित्व है।