मुंबई, देश में चीनी आवश्यकता से कहीं अधिक उत्पादन होने की मौजूदा स्थिति में इथेनॉल की कीमतों में हालिया बढ़ोतरी चीनी उद्योग के लिए सकारात्मक होगी।


आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने दिसंबर 2020 से शुरु होने वाले इथेनॉल आपूर्ति वर्ष के लिए सी-हैवी, बी-हैवी शीरा और गन्ना रस से उत्पादित इथेनॉल की मूल कीमत में क्रमश: 1.94 रुपये प्रति लीटर, 3.34 रुपये प्रति लीटर और 3.17 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है।

इक्रा रेटिंग्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और समूह प्रमुख सब्यसाची मजूमदार ने कहा, ‘‘इथेनॉल, एकीकृत चीनी मिलों के कारोबार में लगभग 10-15 प्रतिशत का योगदान करता है। इसलिए इथेनॉल की लाभकारी बढ़ी कीमतों की वजह से, चीनी मिलों को सम्मिश्रण के लिए इथेनॉल की आपूर्ति बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित मिलने की उम्मीद है। इससे चीनी मिलों के राजस्व, मुनाफेदारी बढ़ेगी और उनकी गन्ना किसानों को भुगतान करने की क्षमता में सुधार होगा।’’ बी-हैवी शीरे से बने इथेनॉल की कीमतों में वृद्धि से चीनी मिलें, इन उच्च सुक्रोज तत्व वाले शीरे से अधिक इथेनॉल का उत्पादन कर सकेंगी और इस प्रकार घरेलू बाजार में अधिशेष चीनी स्टॉक के दबाव को कम करने में मदद मिलेगी और इसके कारण अप्रत्यक्ष रूप से चीनी कीमतों को भी समर्थन मिलेगा।

सी हैवी शीरे से बने इथेनॉल की कीमत 43.75 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 45.69 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है, जबकि बी हैवी शीरे से बने इथेनॉल की कीमत 54.27 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 57.61 रुपये प्रति लीटर और गन्ना रस से बने इथेनॉल की कीमत 59.48 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 62.65 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है।

भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) चीनीवर्ष 2021 में चीनी उत्पादन 1.7 प्रतिशत बढ़ाकर 3.1 करोड़ टन होने कर अनुमान जताया है। इक्रा ने कहा कि यह उत्पादन अनुमान इथेनॉल निर्माण के लिए बी-भारी शीरे और गन्ना रस को अलग किये जाने के तथ्य के समायोजन के बाद आया है।

इक्रा को उम्मीद है कि चीनी वर्ष 2021 में चीनी की खपत लगभग 2.6 करोड़ टन के स्तर पर वापस आ जाएगी।