नयी दिल्ली : पूंजी बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को सहारा इंडिया फाइनेंसियल कार्पोरेशन लिमिटेड का सब- ब्रोकर का लाइसेंस निरस्त कर दिया। नियामक ने कंपनी को इस काम के लिए ‘सही और उपयुक्त’ इकाई की कसौटी पर कसने के बाद यह निर्णय लिया।

नियामक ने 2018 में एक विशेष अधिकारी को यह जांच करने की जिम्मेदारी दी थी कि क्या सहारा इंडिया फाइनेंसियल ने बिचौलिये का काम करने वाली इकायों के लिए तय नियमनों का उल्लंघन किया है।

इस जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि सुब्रत रॉय सहारा के पिछले कामों और उनके तथा सहारा की अन्य समूह कंपनियों के खिलाफ आये विभिन्न न्यायिक फैसलों को देखते हुये यह माना जाता है कि सहारा इंडिया फाइनेंसियल (नोटिसी) प्रतिभूति बाजार में एक सब-ब्रोकर के तौर पर काम करने के लिये ‘‘सही और उपयुक्त’’ इकाई नहीं है।

सेबी ने अपने आदेश में कहा है कि सुब्रत रॉय इस कंपनी में बड़े शेयरधारक हैं। नियामक ने साथ कहा है कि उसका यह कर्तब्य बनता है कि वह प्रतिभूति बाजार की सुचिता को बनाये रखने के लिये उसमें काम करने वाले मध्यस्थों पर ‘‘सही एवं उपयुक्त’’ इकाई के मान मानदंड की दृष्टि से लगातार निगरानी रखे।

आदेश में कहा गया है कि ‘‘प्रतिभूति बाजार पर नजर रखने और निवेशकों के हितों की सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी के चलते सेबी नोटिस के तहत ली गयी कंपनी (सहारा इंडिया फाइनेंसियल) के एक बड़े शेयरधारक.. प्रवर्तक के खिलाफ की गयी कार्रवाइयों और मामलों को देखते हुये इस बात को हल्के में नहीं ले सकता है।

सेबी के 12 पृष्ट के बुधवार को पारित इस आदेश में नियामक के पूर्णकालिक सदस्य जी. महालिंगम ने कहा कि वह जांच अधिकारी के इस निष्कर्ष से पूरी तरह सहमति रखते हैं कि नोटिस के तहत ली गयी कंपनी बाजार में मध्यस्थ का कारोबार करने वाली इकाइयों से संबंधी नियमनों के अनुसार कोई ‘सही और सचुचित’ इकाई नहीं है। ‘‘ऐसे में मैं नोटिस के तहत ली गयी इस कंपनी के सब- ब्रोकर के पंजीकरण प्रमाणपत्र को निरस्त करने की जांच अधिकारी सिफारिश को स्वीकार करता हूं। ’’