चंडीगढ़ : राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि देश को 'मौन राष्ट्रपति' की नहीं, बल्कि ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता है जो अपने नैतिक मूल्यों और विवेक का इस्तेमाल करें।

सिन्हा ने भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार पर अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए यह टिप्पणी की।

सिन्हा 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के सिलसिले में समर्थन जुटाने यहां आए थे। उन्होंने कहा कि अगर वह चुने जाते हैं तो वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और आयकर विभाग जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को रोकेंगे।

उन्होंने कहा कि देश "मौन राष्ट्रपति" नहीं चाहता बल्कि ऐसा राष्ट्रपति चाहता है जो अपने विवेक और नैतिक मूल्यों का उपयोग करते हों।

सिन्हा ने कहा कि उन्होंने प्रशासन और सार्वजनिक जीवन में 60 साल बिताए हैं। उन्होंने कहा, "इन 60 वर्षों में, मैंने कभी भी सरकारी एजेंसियों का इतना आतंक देखा, जितना मैं अभी देख रहा हूं।"

उन्होंने कहा कि जब वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री थे, तो उन्होंने कभी भी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों और विरोधियों के खिलाफ इन सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल करने के बारे में नहीं सोचा।

सिन्हा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि अब एजेंसियों का ‘निर्लज्ता’ से दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिवसेना के कुछ सांसद राष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार का समर्थन करने के लिए उद्धव ठाकरे पर दबाव बना रहे हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर वह राष्ट्रपति चुनाव जीतते हैं, तो "उनके शपथ लेने के अगले दिन ऐसी चीजें बंद हो जाएंगी" क्योंकि राष्ट्रपति का पद संविधान का सर्वोच्च पद है और उसकी काफी गरिमा है।

सिन्हा ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शासन का जिक्र करते हुए कहा कि आम सहमति आधारित राजनीति अब खत्म हो गई है और अब टकराव की राजनीति है। जब संवाददाताओं ने सिन्हा से सवाल किया कि वाजपेयी की भाजपा और मौजूदा भाजपा के बीच कितना अंतर है तो उन्होंने कहा, "भाजपा मर चुकी है और समाप्त हो गई है।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘उस समय पार्टी के अंदर और पार्टी के बाहर आम सहमति पर जोर था जो अब नहीं है।’’

सिन्हा ने कहा, "अगर कोई हिंदू है, तो वह मुसलमान से डरता है और अगर कोई मुसलमान है, तो वह हिंदू से डरता है। समाज सांप्रदायिक आधार पर विभाजित हो गया है।"

सिन्हा ने कहा कि उन्होंने हरियाणा कांग्रेस के विधायकों से भेंट की और उन लोगों ने उन्हें अपना समर्थन देने का वादा किया।

उनके साथ हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान भी थे।

हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस के 30 विधायक मौजूद थे और उन्होंने सिन्हा को समर्थन देने का वादा किया।