चंडीगढ़ : पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के एक दिन बाद शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात की और आम आदमी पार्टी (आप) नीत राज्य सरकार को बर्खास्त करने और मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने की मांग की।

चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और पार्टी के नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बलविंदर सिंह भुंदर और दलजीत सिंह चीमा शामिल थे।

मूसेवाला जो एक कांग्रेस नेता भी थे उनकी पंजाब के मानसा जिले में अज्ञात हमलावरों ने रविवार को गोली मारकर हत्या कर दी थी। राज्य सरकार द्वारा मूसेवाला की सुरक्षा कम किये जाने के एक दिन बाद यह घटना हुई थी।

सुखबीर सिंह बादल ने सिलसिलेवार ट्वीट में बताया ‘‘हम पंजाब के राज्यपाल से मिले और उनसे भगवंत मान को उनके कार्यालय से बर्खास्त करने का आग्रह किया। वह मुख्यमंत्री बने रहने के लायक नहीं हैं। वह राज्य को अराजकता के काले दिनों में वापस धकेल रहे हैं। हम मूसेवाला की हत्या के मामले की जांच एनआईए से करवाने की मांग करते हैं, क्योंकि पंजाबियों को मामले में न्याय देने के लिए आप सरकार पर भरोसा नहीं है।’’

शिअद प्रमुख ने कई लोगों की सुरक्षा वापस लेने के आदेश में कथित चूक की उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश से जांच कराने और मुख्यमंत्री भगवंत मान के खिलाफ गोपनीय सूचना सार्वजनिक करने के लिए मामला दर्ज करने की भी मांग की।

बादल ने कहा ‘‘हम प्रमुख हस्तियों के सुरक्षा घेरे को वापस लेने के आदेश में की गई चूक की जांच उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से कराने की मांग करते हैं। यह सुरक्षा समीक्षा आयोग की बैठक किए बिना मुख्यमंत्री द्वारा किया एकतरफा फैसला था। इस चूक के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।'

उन्होंने कहा ‘‘मुख्यमंत्री भगवंत मान सिद्धू मूसेवाला की मौत के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। उनके खिलाफ पद की शपथ का उल्लंघन करने और मूसेवाला के साथ-साथ श्री अकाल तख्त जत्थेदार और आप पोर्टल पर राजनीतिक नेताओं की सुरक्षा वापस लेने के बारे में गोपनीय जानकारी जारी करने के लिए मामला दर्ज किया जाना चाहिए।’’

शिअद प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि सुरक्षा केवल खतरे की धारणा के आधार पर दी जानी चाहिए और इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।

बादल ने कहा ‘‘पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को यह बताना चाहिए कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा के लिए पंजाब पुलिस के 80 जवानों को क्यों लगाया गया है और राघव चड्ढा के साथ चार सुरक्षा वाहन क्यों तैनात किए गए हैं।’’