चंडीगढ़ : शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को लम्पी चर्म रोग के कारण मरने वाले प्रत्येक मवेशी के लिए 50-50 हजार रुपये का मुआवजा तत्काल जारी करने की मांग की है।

यहां एक बयान में शिअद अध्यक्ष ने हैरानी जताते हुए कहा कि जुलाई के बाद से 'हजारों मवेशी' लम्पी चर्म रोग का शिकार हो गए थे फिर भी आम आदमी पार्टी (आप) सरकार 'प्रचार और विज्ञापनों में लिप्त' थी।

बादल ने कहा, 'डेयरी किसानों को उनके मवेशियों के नुकसान की भरपाई के साथ-साथ बीमारी के और प्रसार को रोकने के मकसद से उनकी सहायता के लिए जमीनी स्तर पर ठोस कदम उठाने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है।'

इस संक्रामक रोग को गांठदार चर्म रोग वायरस (एल‍एसडीवी) या लम्पी रोग कहा जाता है। यह संक्रामक रोग रक्त चूसने वाले कीड़ों, मक्खियों की कुछ प्रजातियों और दूषित भोजन और पानी के जरिए फैलता है। इसके प्राथमिक लक्षण में पशुओं की त्वचा पर गांठ, तेज बुखार और नाक बहना है। इसके कारण जानवरों को खाने में मुश्किल होती है।

पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, गुजरात और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के जानवर इस बीमारी के प्रकोप की चपेट में हैं।

बादल ने कहा, 'किसानों को इस जानलेवा बीमारी से प्रति दुधारू पशु 75 हज़ार रुपये से डेढ़ लाख रुपये तक का नुकसान हुआ है, जिसने डेयरी क्षेत्र को पंगु बना दिया है। परिणामस्वरूप किसान आय के विविधीकरण के लिए राज्य को जोर को झटका लगा है। इसके बावजूद, सरकार ने डेयरी किसानों को कोई मुआवजा जारी नहीं किया है।'

बादल ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार बीमारी के प्रसार से निपटने के लिए पशुपालन विभाग को धन जारी नहीं कर रही है।

उन्होंने कहा, 'मुक्तसर से एक खबर आई है जिसमें कहा गया है कि पशुपालन विभाग से कोई धनराशि प्राप्त नहीं होने के कारण, जिला प्रशासन ने ग्राम पंचायतों को लम्पी चर्म रोग से निपटने के लिए दवा खरीदने के वास्ते पैसे उपलब्ध कराने को कहा है।'