चंडीगढ़ : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने रविवार को कहा कि चंडीगढ़ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के नाम पर रखने की लिखित सहमति हरियाणा में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान दी गई थी।

सुरजेवाला ने कहा कि हवाई अड्डे के लिए भगत सिंह के नाम के इस्तेमाल को लेकर पहले कोई असहमति नहीं थी, लेकिन पंजाब और हरियाणा सरकारों के बीच मोहाली शब्द के इस्तेमाल को लेकर मतभेद थे।

हवाईअड्डा परियोजना भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और पंजाब एवं हरियाणा सरकारों का एक संयुक्त उपक्रम था।

सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘मान साहेब, बग़ैर कारण विवाद खड़ा करने की बजाय हरियाणा की कांग्रेस सरकार के समय के लिखित काग़ज़ निकालें। शहीद भगत सिंह के नाम पर चंडीगढ़ हवाई अड्डा बनाने पर लिखित सहमती थी। उम्मीद है भाजपा-जजपा सरकार ने एयरपोर्ट का नाम ‘‘मोहाली’’ नहीं, चंडीगढ़ ही रखा है क्योंकि असहमती इतनी ही थी।’’

पंजाब और हरियाणा सरकारों ने शनिवार को चंडीगढ़ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के नाम पर रखने पर सहमति जतायी।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के बीच इस मुद्दे पर बैठक के बाद यह फैसला किया गया।

हरियाणा सरकार के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि चौटाला और मान के बीच इसका नाम ‘‘शहीद भगत सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा’’ रखने की सहमति बनी।

हरियाणा के उप मुख्यमंत्री ने कहा था कि चूंकि इसके निर्माण में हरियाणा की बराबर हिस्सेदारी है, इसलिए इसके नाम में पंचकूला शहर का नाम भी जोड़ा जाना चाहिए। चौटाला ने कहा कि उन्होंने हरियाणा सरकार की ओर से पंजाब सरकार को एक सिफारिश भेजी है।

चंडीगढ़ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नामकरण पहले विवादों में रहा था।

पंजाब सरकार ने 2017 में मांग की थी कि हवाई अड्डे का नाम "शहीद-ए-आजम सरदार शहीद भगत सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, मोहाली’’ रखा जाना चाहिए।

हरियाणा सरकार को भगत सिंह के नाम के इस्तेमाल पर कोई आपत्ति नहीं थी लेकिन उसने हवाई अड्डे के नाम पर मोहाली के इस्तेमाल को लेकर आपत्ति जताई थी।