चेन्नई: तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक ने उच्चतम न्यायालय के उस आदेश का शनिवार को स्वागत किया जिसमें चिकित्सा प्रवेश परीक्षाओं में अखिल भारतीय कोटा सीटों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का 27 प्रतिशत आरक्षण बरकरार रखा गया है।

पार्टी ने दावा किया कि शीर्ष अदालत का यह निर्णय कोटा के मुद्दे पर किये गए संघर्ष की विजय है। राज्य के मुख्य विपक्षी दल ने अपनी प्रतिद्वंद्वी पार्टी द्रमुक की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि उसे इसका श्रेय नहीं लेना चाहिए क्योंकि उसने ओबीसी कोटा के मुद्दे पर तनिक भी कोशिश नहीं की। अन्नाद्रमुक के समन्वयक ओ. पन्नीरसेल्वम और संयुक्त समन्वयक के. पलानीस्वामी ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को 10 प्रतिशत कोटा देने का विरोध करने का भी संकल्प लिया।

एक संयुक्त बयान में दोनों नेताओं ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का शुक्रवार का आदेश, ओबीसी कोटा पर पार्टी की लंबे समय से लंबित मांग की विजय है। उन्होंने कहा कि इससे चिकित्सा प्रवेश परीक्षाओं में सीटें बढ़ाने में मदद मिलेगी।