चेन्नई : उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कामकाज और जीवन के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए सोमवार को पेशेवर कर्तव्यों के साथ ही पारिवारिक जिम्मेदारियों को भी समान महत्व देने की वकालत की।

नायडू यहां वी एल इंदिरा दत्त की पुस्तक 'डॉ वी एल दत्त: ग्लिम्प्स ऑफ ए पायनियर्स लाइफ जर्नी' का विमोचन करने के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। नायडू ने सभी उद्योगपतियों से अपनी मानव संसाधन नीतियों को इस तरह से तैयार करने का आग्रह किया कि उनके कर्मचारी अपने कामकाज व जीवन को आसानी से संतुलन करने में सक्षम हों।

उन्होंने कहा, "इससे न केवल कर्मचारियों का प्रदर्शन बेहतर होगा बल्कि हमारे समाज में बढ़ रहे मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को भी दूर करने में मदद मिलेगी।"

नायडू ने लोगों के कुछ समय प्रकृति की गोद में बिताने और तनाव मुक्त करने के लिए बाहरी (आउटडोर) गतिविधियों में भाग लेने की आवश्यकता पर जोर दिया।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार उपराष्ट्रपति ने युवाओं को भारत की सदियों पुरानी संयुक्त परिवार प्रणाली को संरक्षित और प्रचारित करने की सलाह दी। उन्होंने युवा उद्यमियों से खेल और आउटडोर गतिविधियों के लिए कुछ समय निकालने का आह्वान किया।

नायडू ने दिवंगत उद्योगपति वी एल दत्त की प्रशंसा की और कहा कि उन्होंने अपने पारिवारिक जीवन और व्यापारिक दुनिया के बीच संतुलन बनाए रखा।