चेन्नई : केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मानव जाति के लाभ के लिए सिद्ध चिकित्सा पद्धति की विशिष्टता को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बृहस्पतिवार को बल दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘सदियों से सिद्ध पद्धति हमारी जीवनशैली का हिस्सा रही है, जो हमारे स्वस्थ जीवन को प्रोत्साहित करती है। इस चिकित्सा प्रणाली को इसकी विशिष्टता के लिए बढ़ावा देने की जरूरत है।’’

उन्होंने राष्ट्रीय सिद्ध संस्थान, सिद्ध में केंद्रीय अनुसंधान परिषद और भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी निदेशालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘‘संचारी रोगों के लिए सिद्ध औषधि की ताकत’’ विषय पर पांचवें सिद्ध दिवस समारोह का उद्घाटन करते हुए कहा कि योग के बारे में भी अधिक जागरूकता पैदा की जानी चाहिए क्योंकि योग स्वस्थ जीवन जीने का एक पारंपरिक तरीका है।

सोनोवाल ने कहा कि योग, ध्यान और प्राणायाम बेहतर स्वास्थ्य और मन की शांति सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘व्यापक पहुंच के लिए आयुर्वेद, सिद्ध और भारतीय चिकित्सा की अन्य पारंपरिक प्रणालियों को बढ़ावा देना है।’’

केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हम सिद्ध चिकित्सा प्रणाली की विशिष्टता को विकसित करने और इसे लोगों के लिए अधिक सुलभ और लाभकारी बनाने के लिए तत्पर हैं।’’

उन्होंने सिद्ध चिकित्सकों को कोविड-19 के कारण चुनौतियों का मुकाबला करने के प्रयासों के लिए बधाई दी और कहा कि देश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व के कारण महामारी की स्थिति को कुशलता के साथ संभाला।