चेन्नई : विश्वविद्यायों के कुलपतियों की नियुक्त करना राज्य सरकार का अधिकार है और राज्य सरकार ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) दोनों का विरोध किया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने मंगलवार को यहां यह बात कही।

यहां राज्य संचालित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए स्टालिन ने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य सरकार को कुलपतियों की नियुक्त करने में सक्षम बनाने के लिए विधानसभा में एक विधेयक अधिनियमित किया था।

उन्होंने कहा, ‘‘यह राज्य सरकार के अधिकार से जुड़ा मुद्दा है, यह जनता द्वारा चुनी गई सरकार का अधिकार है, यह राज्य के विश्वविद्यालयों के शिक्षा अधिकारों से जुड़ा है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों और कुलपतियों के कामकाज को राज्य सरकार के नीतिगत फैसलों को प्रतिबिंबित करना चाहिए।

नीट को लेकर राज्य सरकार के विरोध को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि यह सदी का ‘सबसे बड़ा अन्याय’ है। एनईपी का फिर से विरोध करते हुए स्टालिन ने कहा कि राज्य शिक्षा नीति (एसईपी) तैयार करने के लिए मद्रास उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश डी. मुरुगेसन के नेतृत्व में एक समिति गठित की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एसईपी की यह पहल विज्ञान से प्रेरित समाज के निर्माण के लिए है। संविधान के अनुसार वैज्ञानिक सोच विकसित करना प्रत्येक नागरिक का मूल कर्तव्य है।