चेन्नई: केरल के विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन का मानना है कि पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने खुद को इस तरीके से तैयार किया है कि उन्हें कोई भी ‘एक आयामी क्रिकेटर’ (किसी एक भूमिका में खेलने वाला खिलाड़ी) का तमगा नहीं दे सकता।

सैमसन टी20 विश्व कप टीम में जगह नहीं बना सके हैं लेकिन समझते हैं कि भारतीय क्रिकेट के दिन प्रतिदिन बेहतर होने से राष्ट्रीय टीम के ‘एलीट’ 15 खिलाड़ियों में शामिल होना अब पहले से कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पिछले कई वर्षों से विभिन्न भूमिकायें निभाने पर काम किया है। मैं सहजता से बल्लेबाजी क्रम में किसी भी जगह बल्लेबाजी कर सकता हूं। ’’

सैमसन का मानना है कि सफल होने के लिये एक खिलाड़ी को लचीला होना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘आपको खुद को एक ही स्थान पर समेटकर नहीं रखना चाहिए। आप लोगों को यह नहीं कह सकते : मैं सलामी बल्लेबाज हूं या मैं फिनिशर (आखिरी ओवरों का विशेषज्ञ बल्लेबाज)  हूं। पिछले तीन-चार वर्षों में विभिन्न भूमिकाओं में खेलते हुए मेरे खेल में नया आयाम जुड़ गया है। ’’

इस 27 साल के खिलाड़ी ने अभी तक सात वनडे और 16 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय टीम में एक स्थान तलाशना चुनौतीपूर्ण हैं और इसके लिये भी काफी प्रतिस्पर्धा है।

सैमसन ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यह वास्तव में चुनौतीपूर्ण हो गया है। भारतीय टीम में एक स्थान तलाशना वास्तव में चुनौतीपूर्ण है। टीम में शामिल खिलाड़ियों के बीच आपस में काफी प्रतिस्पर्धा है। जब ये चीजें होती हैं तो खुद पर ध्यान लगाना महत्वपूर्ण है। ’’

उन्होंने साथ ही कहा, ‘‘मैं जिस तरह से प्रदर्शन कर रहा हूं, उससे खुश हूं। मैं सुधार करना चाहता हूं। ’’

सैमसन गुरूवार से न्यूजीलैंड ए के खिलाफ लिस्ट ए के तीन मैचों में भारत ए की अगुआई करेंगे