देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. रोकथाम के लिए सभी सरकारें कमर कस चुकी है लेकिन इसके बावजूद कोरोना बेकाबू हो चला है. यह संक्रमण देश के सामने एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है. ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल पिछले कई महीनों से उठ रहे हैं कि आखिर हम कितने तैयार हैं. इसी मुद्दे पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एबीपी न्यूज से बात की.

 

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लॉकडाउन को लेकर भी अपनी बात रखी. इस दौरान उन्होंने कहा कि लॉकडाउन सिर्फ फौरी उपाय इससे कोरोना महामारी का हल नहीं निकल सकता है.

 

भूपेश बघेल ने कहा, ''कोरोना को रोकने के लिए उपायों में से एक उपाय लॉकडाउन है लेकिन आखिरी हल नहीं है.'' प्रधानमंत्री की ओर से लगाए गए लॉकडाउन को लेकर उन्होंने कहा, ''पिछली बार बिना तैयारियों के लॉकडाउन लगाया गया था. किसी के पास कोई भी तैयारी नहीं थी.''

 

राज्य के दुर्ग और रायपुर जिले में लगाए गए लॉकडाउन को सही ठहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी की सहमति के बाद अगर कोई काम किया जाता है तो वह सही होता है और जल्दी होता है. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि नए स्ट्रेन से इस बार युवा भी ज्यादा संख्या में संक्रमित हो रहे हैं जो कि काफी चिंताजनक है.

 

वैक्सीनेश पर राजनीतिक को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य में जनसंख्या का 14 प्रतिशत लोगों को वैक्सीनेशन हो चुका है जिसमें 87 प्रतिशत हेल्थ वर्कर, 84 प्रतिशत फ्रंट लाइन वर्कर और 48 प्रतिशत से ऊपर 45 साल के लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं.

 

'कोरोना को हराना है' कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे भूपेश बघेल ने बताया कि राज्य के कुछ जिलों में संक्रमण के मामले ज्यादा हैं जबकि कुछ जिलों में यह कम है. राज्य में कोरोना को फैलने से रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं. राज्य सरकार सभी स्थिति पर नजर बनाए हुए है.

 

वहीं कोरोना की दूसरी लहर को लेकर भूपेश बघेल ने कहा कि वायरस को लेकर वैज्ञानिकों और डॉक्टरों को रिसर्च करना चाहिए कि आखिर दूसरी लहर पहले से भी ज्यादा खतरनाक क्यों है.